Khabarwala 24 News New Delhi: Friendship Day 2024 दोस्ती वो रिश्ता होती है जो इंसान खुद अपनी इच्छा से बनाता है। ये रिश्ता कितना मजबूत हो सकता है ये अकबर और बीरबल की दोस्ती के किस्सों से भी पता चलता है। बीरबल मुगल बादशाह अकबर के नौ रत्नों में से एक थे। वो बेहद हाजिरजवाब और हंसोड़ तो थे ही साथ ही मुगल बादशाह के जिगरी दोस्त भी हुआ करते थे। बीरबल और अकबर की पहली मुलाकात ले लेकर उनकी दोस्ती के कई किस्से आज भी याद किए जाते हैं। आइए चलिए आज फ्रेंडशिप डे के खास दिन दोनों की दोस्ती के कुछ किस्सों पर नजर डालते हैं।
अकबर और बीरबल की कैसे हुई थी मुलाकात? (Friendship Day 2024)
बीरबल से अकबर पहली मुलाकात जंगल में हुई थी। अकबर जब रास्त भटक गए थे, तब बीरबल ने उन्हें सही रास्ता बताया था। उस वक्त बीरबल की चतुराई देखकर अकबर मुसकुराए भी और उनकी बुद्धि पर उन्हें नाज भी हुआ। लिहाजा बीरबल अकबर के दरबार के विशेष सलाहकार बन गए। शुरुआत में बीरबल का नाम महेशदास था। अकबर ने महेशदास का नाम बदलकर बीरबल रख दिया। बीरबल बहुत चतुर और बुद्धिमान थे। अपने इसी गुण से बीरबल बड़ी से बड़ी समस्या का हल भी निकाल लेते थे। अकबर और बीरबल इतने अच्छे दोस्त बन चुके थे कि उनकी दोस्ती बीरबल की मौत तक चली। यहां तक की बीरबल वो व्यक्ति थे जिन्हें बादशाह अकबर ने कभी डांटा भी नहीं था। वो बीरबल की बुद्धिमत्ता से हमेशा प्रभावित रहते थे।
बीरबल की कैसे हुई मौत? (Friendship Day 2024)
शाज़ी ज़मां की किताब अकबर के मुताबिल, साल 1586 ईस्वी में अकबर ने जौन खां कोका को यूसुफ़ज़ई क़बीले को शिकस्त देने के लिए तैनात किया गया था। जब उन्होंने और फौज मांगी तो बादशाह ने बीरबल को वहां मदद के लिए भेज दिया। फिर एहतियातन उन्होंने पीछे-पीछे हकीम अबुल फ़तह को भी भेजा था।
बीरबल और अकबर की दोस्ती से कई लोगों को जलन थी। वहीं बीरबल से जौन खां कोका और हकीम अबुल फजल दोनों ही चीढ़ते थे। ऐसे में बीरबल, हकीम अबुल फ़तह, जैन ख़ां कोका और पूरा लश्कर संकरे पहाड़ी रास्ते पर आगे बढ़ा तो ऐसा युद्ध हुआ कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा। बागी कबिलाइयों ने हथियार और पत्थरों से चारों ओर से हमला कर दिया। इस जंग में बीरबल ऐसे घिरे कि उनकी लाश तक नहीं मिल पाई।
अकबर बीरबल की याद में जब भूल चुके थे सबकुछ (Friendship Day 2024)
बीरबल की मौत की खबर सुनते ही अकबर को सदमा लग गया था। न ही उनका राजशाही में मन लगता था और न ही किसी काम में। अकबर ने बीरबल की याद में खाना-पीना तक छोड़ दिया था? उन्हें रात में नींद भी नहीं आती थी। फिर जब राजा मान सिंह ने अकबर से वादा किया कि वो उस इलाके (जहां बीरबल को मारा गया था) के राजा को बांधकर धकेलते हुए उनके सामने लाएंगे और उसके किले को गिरा कर शहर को जला देंगे। जब राजा मानसिंह को विदा कर रहे थे तो उनके शब्द थे कि बीरबल पूरी दुनिया में उनके सबसे अच्छे दोस्त थे, उनकी देह को ढूंढकर विसर्जित कर देना। द प्रिंट में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार इनके रिश्ते का जिक्र इरा मुखोती की किताब The Great Mughal में विस्तार से मिलता है।
किले का बीरबल के लिए करवाया था निर्माण ! (Friendship Day 2024)
जब फतेहपुर सीकरी का निर्माण हो रहा था, उस समय अकबर ने बीरबल के लिए भी एक किला बनवाने को कहा था ताकि उनकी मुलाकातें रोज हो सकें। पुर्तगाली पादरी Antonio Monserrate ने अकबर-बीरबल की दोस्ती का जिक्र करते हुए लिखा कि बीरबल अकबर के इतने चहेते थे कि बाकियों के मुकाबले उन्हें दरबार में देर से आने या फिर न आने पर भी किसी तरह की सजा का सामना नहीं करना पड़ा।
बीरबल से ईर्ष्या करने वाले बदायुनी भी लिखते हैं कि बादशाह को किसी की मौत पर इतने सदमे में नहीं दिखा गया, जितना उन्हें अपने दोस्त की मौत से हुआ। उनकी दोस्ती के किस्से अकबरनामा में भी खूब मिलते हैं।