Khabarwala24 News Garhmukhteshwar (Hapur) (इमरान अली) : GANGA के जलस्तर में फिर से बढ़ोतरी होने से खादर क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों में बेचैनी व्याप्त हुई। पानी के तेज बहाव से किनारे वाले जंगल की फसलों में बर्बादी के साथ ही भूकटान होने से कृषि भूमि को भी जलधारा निगल रही है। सोमवार को भी गंगा के जलस्तर में 12 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
पहाड़ो और मैदानी द्वोत्र में हुई वर्षा के बाद गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई थी। लेकिन रविवार को गंगा के जलस्तर में गिरावट हो गई थी। गिरावट के बाद GANGA के जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ोतरी प्रारंभ हो गई है, जिससे खादर क्षेत्र के दो दर्जन गांवों के हजारों परिवारों में बेचैनी बढ़ती जा रही है।
किसान हो रहे परेशान
GANGA का जलस्तर बढऩे से जहां गंगा किनारे वाले जंगल में खड़ीं फसलों में नुकसान हो रहा है, वहीं पानी के तेज बहाव से भूकटान होने पर किसानों के खेतों की बेशकीमती कृषि भूमि को भी गंगा की जलधारा निगल रही है।जिससे निचले जंगल वाली फसलों में पानी भरने से हो रही बर्बादी को लेकर किसानों में बेचैनी व्याप्त हो रही है। राजपाल सिंह, जितेंद्र सिंह, रुमाल सिंह का कहना है कि एक दिन जलस्तर में गिरावट होने के बाद गंगा के जलस्तर में फिर से बढ़ोतरी होने पर निचले जंगल की फसलों में बर्बादी होने के साथ ही किनारे वाले जंगल में भूकटान भी हो रहा है।
12 सेंटीमीटर बढ़ा जलस्तर
बाढ़ नियंत्रण आयोग के सूत्रों का कहना है कि पहाड़ों की वर्षा से जलस्तर में 12 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी होने से गढ़-ब्रजघाट गंगा का जलस्तर बढ़कर समुद्रतल से 197.13 मीटर के निशान पर पहुंच गया है। वहीं प्रशासन के अफसर लगातार GANGA के जलस्तर पर निगाह बनाए हुए हैं। उनका कहना है कि फिलहाल खतरे की कोई बात नहीं है।