Khabarwala 24 News New Delhi : Garuda Dev on Ghanti मंदिरों में बड़े-बड़े घंटे लगे होते हैं, वहीं घरों में पूजा-पाठ में छोटी घंटियों का उपयोग होता है। अधिकांश लोग रोजाना पूजा-पाठ करते हैं और हिंदू धर्म में बिना घंटी बजाए पूजा पूरी नहीं होती है। घर में हो या मंदिर में, दोनों जगह पूजा के दौरान घंटी जरूर बजाई जाती है।
पूजा में घंटा या घंटी बजाने का बड़ा महत्व है। साथ ही इसका वैज्ञानिक महत्व भी सामने आ चुका है। विज्ञान के मुताबिक घंटों की आवाज और उनसे निकली तरंगे आसपास के माहौल में सकारात्मकता का संचार करते हैं लेकिन रोजाना घंटी बजाने वाले लोग भी यह नहीं जानते हैं घंटी के ऊपरी हिस्से में बनी तस्वीर किस देवता की है और क्यों है?
घंटी पर होता है गरुड़ देव का चित्र (Garuda Dev on Ghanti)
घंटी पर गरुड़ देव का चित्र होता है। हिंदू धर्म में गरुड़ देव को भगवान विष्णु का वाहन माना गया है। घंटी में गरुड़ देव का चित्र इसलिए होता है ताकि गरुड़ देव वाहन के तौर पर भक्तों की मनोकामना भगवान विष्णु तक पहुंचाएं और भगवान जल्द ही अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करें इसलिए घंटी को गरुड़ घंटी कहते हैं। साथ ही माना जाता है कि गरुड़ घंटी बजाने से व्यक्ति को मोक्ष मिलता है।
घंटी का नाद लाता है सकारात्मकता (Garuda Dev on Ghanti)
गरुड़ घंटी से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि हिंदू धर्म के अनुसार सृष्टि की रचना जिस नाद से हुई है वैसा ही नाद गरुड़ घंटी से निकलता है इसलिए गरुड़ घंटी से निकले इस नाद को विशेष माना गया है। यह नाद बहुत ताकतवर होता है जो माहौल को सकारात्मक कर देता है इसलिए मंदिर के प्रवेशद्वार पर ही घंटा लटकाया जाता है ताकि भक्त मंदिर में प्रवेश करते ही घंटा बजाएं और माहौल में सकारात्मकता घुल जाए।