Khabarwala 24 News New Delhi : Ghanti Significance हिंदू धर्म में पूजा पाठ के दौरान घंटी का विशेष महत्व होता है। घंटी बजाने से मन को शांति मिलती है और घर के वातावरण में एक दिव्य ऊर्जा का संचार होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घंटी बजाना नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और वातावरण को सकारात्मक बनता है।
जब आरती की जाती है, तो घंटी की आवाज से भगवान तक भक्तों की प्रार्थनाएं पहुंचती है। बहुत लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर घंटी के ऊपर किस भगवान का चित्र बना रहता है तो हम आपको बता दें कि इसके पीछे विशेष कारण है। यह चित्र उस देवता के आशीर्वाद का प्रतीक होता है जिसे पूजा का प्रभाव और भी मजबूत हो जाता है।
घंटियों के प्रकार और उनका महत्व (Ghanti Significance)
मंदिरों या घरों में घंटियां चार प्रमुख प्रकार की होती हैं, पहले गरुड़ घंटी जो छोटी होती है और उसे हाथ से बजाया जाता है। दूसरी हाथ घंटी जो पीतल से बनी गोल्ड प्लेट जैसी होती है, जिसे लकड़ी के गद्दे से ठोक कर बजाया जाता है।
तीसरी घंटी द्वारा घंटी जो मंदिर के द्वार पर लटकी होती है और यह बड़ी या छोटी दोनों प्रकार की हो सकती है, और चौथी घंटी लगभग 5 फुट लंबी और चौड़ी होती है। ध्वनि पूजा स्थल पर एक दिव्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
हिंदू धर्म में गरुड़ घंटी का महत्त्व (Ghanti Significance)
हिंदू धर्म में यह मानता है कि सृष्टि की रचना उसे दिव्य नाथ से हुई थी जो गरुड़ घंटी से निकलता है। इस घंटी की आवाज को पवित्र माना जाता है जो हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने में सक्षम होती है।
पूजा-पाठ या आरती के दौरान घंटी बजाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो अशुभ शक्तियों को दूर करता है। पूजा स्थान में गरुड़ घंटी विशेष उद्देश्य के लिए होती है जिससे पूजा का माहौल पवित्र बनता है बल्कि घर में शांति और समृद्धि भी बनी रहती है।
बनी होती है गरुड़ भगवान की छवि (Ghanti Significance)
घर और मंदिरों में उपयोग की जाने वाली गरुड़ घंटी के ऊपर अक्सर गरुड़ भगवान की छवि बनी हुई होती है, जो उसे विशेष धार्मिक महत्व देती है। यह घंटी छोटे आकार की होती है और उपयोग पूजा के दौरान बहुत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि गरुड़ घंटी का उपयोग करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आवाज से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर के सभी सदस्य मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।
गरुड़ देवता भगवान विष्णु का वाहन (Ghanti Significance)
हिंदू धर्म में गरुड़ देवता को भगवान विष्णु का वाहन माना गया है और इन्हें भगवान विष्णु के महत्वपूर्ण पक्षी के रूप में पूजा जाता है। पूजा की घंटी में गरुड़ देवता का चित्र अंकित होता है, जो उनके दिव्य महत्व को दर्शाता है। यह चित्र भक्तों के संदेशों को भगवान विष्णु तक पहुंचाता है। जब गरुड़ घंटी बजाई जाती है, तो वह भगवान तक भक्तों की प्रार्थना और मनोकामना को सीधे पहुंचाती है, जिससे उनकी इच्छाएं पूरी होती है और उनकी प्रार्थनाएं स्वीकृत होती है।