Khabarwala 24 News New Delhi: Gilgit Baltistan गिलगित-बाल्टिस्तान इतना सुंदर है कि आप उसकी तुलना स्वर्ग से कर बैठेंगे। यह इलाका 4900 फुट की ऊंचाई वाले कराकोरम की छोटी बड़ी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। सिंधु नदी लद्दाख से निकलती हुई गिलगित-बाल्टिस्तान में होकर बहती है। जम्मू-कश्मीर का हिस्सा होने के काऱण ये भारत का अंग है। लेकिन पाकिस्तान ने इस इलाके पर अवैध तौर कब्जा किया हुआ है। न केवल पाकिस्तान इस इलाके को दबाकर बैठा है, बल्कि उसकी तमन्ना इसे अपना पांचवां प्रांत बनाने की थी। यह इलाका पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से लगा हुआ है। भौगोलिक स्थिति की वजह से ये भारत के लिए सामरिक दृष्टि से खासा अहम इलाका है।
बाल्टिस्तान को लेकर क्या है भारत का पक्ष (Gilgit Baltistan)
इसको लेकर साल 2018 में पाकिस्तान ने अपनी संसद में एक नया कानून पास कराया था। भारत ने इसका जमकर विरोध किया था। भारत हमेशा इस इलाके को कश्मीर का अभिन्न हिस्सा मानते हुए अपना बताता रहा है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान जबरन कब्जे वाले इस क्षेत्र के दर्जे में कोई बदलाव नहीं कर सकता। उसके पास इसके लिए कोई कानूनी आधार नहीं है। 1947 में हुए विलय के आधार पर पूरा जम्मू-कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है। गिलगित – बाल्टिस्तान इलाका उसी राज्य में शामिल है। वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान को इस इलाके को खाली करना ही होगा।
मौजूदा स्थिति क्या है (Gilgit Baltistan)
ये पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के भीतर एक स्वायत्तशासी क्षेत्र है। इसे शुमाली इलाके के नाम से भी जाना जाता था। पाकिस्तान येन केन प्रकारेण इसकी स्वायत्त स्थिति खत्म करना चाहता है, लेकिन इस साजिश में वो सफल नहीं हो पा रहा है। पाकिस्तान इस क्षेत्र को पूर्व रियासत जम्मू-कश्मीर से अलग मानता है। जबकि भारत और यूरोपीय यूनियन के अनुसार यह पूर्व रियासत जम्मू-कश्मीर के वृहत विवादित क्षेत्र का ही हिस्सा है। लद्दाख का यह वृहत इलाका साल 1947 के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का मुद्दा बना हुआ है।
स्थानीय लोगों के खिलाफ चला रखा दमनचक्र (Gilgit Baltistan)
जब भी पाकिस्तान और चीन की गतिविधियों का यहां के लोग विरोध करते हैं तो सेना इसे कुचल देती है। चीन-पाकिस्तान गलियारे का विरोध करने वालों पर आतंकवाद रोधी कानून लगाया जाता है। बड़े पैमाने पर पाकिस्तान ने यहां स्थानीय लोगों के खिलाफ दमनचक्र चला रखा है।
ब्रिटेन ने क्या कहा था… (Gilgit Baltistan)
न केवल यूरोपीय यूनियन बल्कि ब्रिटिश संसद भी इसे कश्मीर का हिस्सा मानती है। ब्रिटेन की संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के कब्जे को अवैध बताया था। ब्रिटिश संसद में पारित प्रस्ताव में कहा गया था कि गिलगित-बाल्टिस्तान जम्मू एवं कश्मीर का अभिन्न हिस्सा है। यही नहीं पाकिस्तान ने 1963 में इस इलाके के एक छोटे हिस्से शक्स्गम घाटी को चीन को दे दिया था।
पाकिस्तान का कब से कब्जा (Gilgit Baltistan)
पाकिस्तान ने साल 1947 से गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पीओके पर अवैध कब्जा कर रखा है। विभाजन के समय यह क्षेत्र जम्मू एवं कश्मीर की तरह न तो भारत का हिस्सा था और न ही पाकिस्तान का। 1935 में ब्रिटेन ने इस हिस्से को गिलगित एजेंसी को 60 साल के लिए लीज पर दिया था, लेकिन इस लीज को एक अगस्त 1947 को रद्द करके क्षेत्र को जम्मू एवं कश्मीर के महाराजा हरि सिंह को लौटा दिया गया। महाराजा हरि सिंह ने अपना राज्य गिलगित और बल्तिस्तान तक बढ़ाया था। ये सारे इलाके जम्मू-कश्मीर के तहत ही आते थे।
भारत में कब ये मिला था (Gilgit Baltistan)
31 अक्टूबर 1947 को कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने जब विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए तब इस इलाके का भारत में विलय हो गया, लेकिन हरि सिंह के इस कदम के बाद गिलगित-बाल्टिस्तान में स्थानीय कमांडर कर्नल मिर्जा हसन खान ने विद्रोह कर दिया। उसने दो नवंबर 1947 को गिलगित-बाल्टिस्तान की आजादी का ऐलान कर दिया। 21 दिनों तक इसकी यही स्थिति बनी रही। 21 दिन बाद पाकिस्तान इस क्षेत्र में दाखिल हुआ। उसने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया।
पाकिस्तान के पास कैसे गया (Gilgit Baltistan)
अप्रैल 1949 तक गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा माना जाता रहा, लेकिन 28 अप्रैल 1947 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सरकार के साथ एक समझौता हुआ, जिसके तहत गिलगित के मामलों को सीधे पाकिस्तान की संघीय सरकार को दे दिया गया. लेकिन इसका विरोध शुरू हो गया। विरोध करने वाले गिलगित-बाल्टिस्तान के ही लोग थे, जिन्हें पाकिस्तान का नियंत्रण मंजूर नहीं था। तभी ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने ब्रिटिश संसद में पेश प्रस्ताव कर कहा था कि पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान पर अवैध कब्जा कर रखा है। यह क्षेत्र उसका नहीं है।
भौगोलिक स्थिति क्या है (Gilgit Baltistan)
गिलगित-बाल्टिस्तान के उत्तर में अफगानिस्तान का वखान कॉरिडोर बॉर्डर, उत्तरी क्षेत्र में ही चीन के झिनझियांग प्रांत का उइगर क्षेत्र, इसके दक्षिण- दक्षिण पूर्व में भारत का जम्मू-कश्मीर, दक्षिण में ही पाक अधिकृत कश्मीर और पश्चिम में पाकिस्तान की सीमाएं लगती हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान में ही एक ग्लेशियर बालटॉरो है। इसके अलावा कराकोरम क्षेत्र में दो ऊंची पर्वत श्रृंखलाएं हिंदुकुश और तिरिच मीर भी हैं। गिलगित में गिलगित घाटी भी है जिसमें सुंदर झरनें और खूबसूरत घाटियां भी हैं। गिलगित-बल्तिस्तान का कुल क्षेत्रफल 72971 वर्ग किमी है। अनुमानित जनसंख्या करीब दस लाख है। इसका प्रशासनिक केंद्र गिलगित शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग ढाई लाख है।
बड़ी ऊर्जा परियोजना लगा रहा (Gilgit Baltistan)
सितंबर 2009 में पाकिस्तान के साथ एक समझौते के तहत चीन गिलगित-बल्तिस्तान में एक बड़ी ऊर्जा परियोजना लगा रहा है। भारत ने इस परियोजना का विरोध किया है। पाकिस्तान इस इलाके में चीन के साथ मिलकर जो भी कंस्ट्रक्शन कर रहा है, वो दरअसल स्वायत्तशासी क्षेत्र में है और इसे नियमों का उल्लंघन कर बनाया जा रहा है। इस इलाके में चीन के 24 हजार सैनिकों की तैनाती भी नियमों का एक बड़ा उल्लंघन है।