Khabarwala 24 News New Delhi : Godrej Family अगर किसी व्यक्ति के पास मुंबई जैसे शहर में करीब 3400 एकड़ जमीन हो तो आप उसे क्या कहेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में बसने योग्य कुल 34,000 एकड़ ही जमीन है, जबकि वहां की आबादी करीब दो करोड़ है। इसमें से एक ही व्यक्ति के पास करीब 3400 एकड़ यानी कुल का 10 फीसदी जमीन है। इस महानगर में इस ‘जमींदार’ के साथ-साथ कुछ अन्य ‘जमींदार‘ भी हैं जिनके पास बड़ी मात्रा में जमीन है। टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार की एक पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई की कुल 34 हजार एकड़ जमीन में से करीब 20 फीसदी यानी करीब 7 हजार एकड़ भूमि गिनती के नौ लोगों के पास है। आज हम जिस ‘जमींदार’ की बात कर रहे हैं उसके जमीन की कीमत चार लाख करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। इनकी जमीन के बीचोंबीच से बुलेट ट्रेन गुजरेगी। उस ‘जमींदार’ का नाम है देश-दुनिया के कारोबारी जगत में चर्चित गोदरेज परिवार।
कुल संपत्ति 1.12 लाख करोड़ की (Godrej Family)
पारंपरिक तौर पर गोदरेज परिवार का ताला बनाने का बिजनेस रहा है लेकिन, मौजूदा वक्त में यह परिवार एफएमसीजी से लेकर रियल स्टेट तक दसियों सेक्टर में कारोबार कर रहा है। समूह के इस जायदाद में मुख्य रूप से तीन हिस्सेदार हैं। ये हैं गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज, उनके भाई नादिर गोदरेज और उनके भतीजे जमशेद गोदरेज। परिवार की कुल संपत्ति करीब 1.12 लाख करोड़ की है। समूह के अधीन करीब 15 कंपनियां हैं. यह देश का सम्मानित कारोबारी समूह है।
छोटा सा आशियाना बनाना मुश्किल (Godrej Family)
देश की तेज आर्थिक प्रगति के बीच जमीन सबसे मूल्यवान चीज बनती जा रही है। व्यावसायिक गतिविधियों से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए जमीन की मांग बढ़ती जा रही है। ऐसे में पूरे देश में जमीन के भाव सबसे तेज गति से बढ़ रहे हैं. ऐसे में आज स्थिति यह है कि दिल्ली-मुंबई क्या बी ग्रेड के शहरों और जिला स्तर पर भी जमीन का एक छोटा का टुकड़ा खरीदना बस की बात नहीं रही है। मुंबई में छोटा-सा आशियाना बनाना सबसे मुश्किल काम है। इसकी मुख्य वजह वहां पर जमीन की कमी है।
आखिर कहां से आई इतनी जमीन (Godrej Family)
गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज के दादा पिरोजशा गोदरेज ने यह जमीन खरीदी थी। गोदरेज समूह एक पारसी परिवार है और ये खानदारी कारोबारी हैं। इनकी कई पीढ़ियां ब्रिटिश शासन के शुरुआती दिनों से लगातार कारोबार कर रही हैं। उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के वक्त मात्र 30 लाख रुपये में अंग्रेजी हुकूमत से तीन हजार एकड़ जमीन खरीदी थी। उन्होंने 400 एकड़ जमीन और खरीद ली. हालांकि इन 3400 एकड़ के एक बड़े हिस्से पर निर्माण कार्य नहीं करवाया जा सकता है।
प्लॉट के बीच से गुजरेगी बुलेट ट्रेन (Godrej Family)
अहमदाबाद-मुंबई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए गोदरेज समूह की 9.69 एकड़ जमीनें अधिग्रहित की गई है। इस जमीन के मुआवजे को लेकर महाराष्ट्र सरकार और समूह के बीच लंबी अदालती लड़ाई चली फिर जाकर बीते साल सितंबर महीने में गोदरेज समूह को मुआवजे के तौर पर 264 करोड़ रुपये की राशि दी गई। हालांकि, जानकारों का दावा है कि बाजार दर से यह रकम काफी कम है।
गोदरेज के अलावा ये हैं ‘जमींदार’ (Godrej Family)
रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई की करीब दो करोड़ की आबादी के बसने के लिए केवल 34 हजार एकड़ जमीन है. इसमें से भी बड़ी मात्रा में जमीनों पर झुग्गी-झोपड़ी वालों और बड़े-बड़े कारोबारियों का कब्जा है। मुंबई में गोदरेज परिवार के अलावा एफई दिनशॉ ट्रस्ट के पास 683 एकड़, प्रताप सिंह सूरी वल्लभदास परिवार के पास 647 एकड़, जीजाभोव अर्देशीर ट्रस्ट के पास 508 एकड़, वाडिया परिवार के पास 361 एकड़, बायरामजी जीजाभोव समूह के पास 269 एकड़, सर मोह्म्द यूसुफ खोट ट्रस्ट के पास 206 एकड़ और वीके लाल (कंडीवली) के पास 70 से 100 एकड़ जमीन हैं। इन सभी लोगों की जमीनें मिला दी जाए तो यह करीब 7 हजार एकड़ बैठती है।
