Khabarwala 24 News New Delhi : Golden Baba 2025 Mahakumbh संगम नगरी प्रयागराज के महाकुंभ में श्रद्धालुओं का ध्यान खींच रहे हैं गोल्डन बाबा। उनका नाम एसके नारायण गिरी जी महाराज है, जो मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं फिलहाल वे दिल्ली में निवास करते हैं। निरंजनी अखाड़े से जुड़े यह बाबा अपने अनोखे अंदाज और सोने से सजे व्यक्तित्व के कारण कुंभ में चर्चा का विषय बने हुए हैं। गोल्डन बाबा लगभग 4 किलो सोना पहनकर चलते हैं, जिसकी कीमत करीब 6 करोड़ रुपये आंकी गई है।
हर गहने में आध्यात्मिक शक्ति है (Golden Baba 2025 Mahakumbh)
बाबा के हर गहने में अलग ही चमक है। सोने की अंगूठियां, कंगन, घड़ी और यहां तक कि उनके हाथों में सोने की छड़ी भी है। छड़ी पर देवी-देवताओं के लॉकेट लगे हुए हैं, जो उनकी साधना का प्रतीक हैं। बाबा कहते हैं कि यह सोना साधना से जुड़ा हुआ है और हर गहने में आध्यात्मिक शक्ति है।
समाज में सकारात्मक बदलाव (Golden Baba 2025 Mahakumbh)
यहां 67 साल के गोल्डन बाबा ने अखाड़े के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज से दीक्षा ली थी और निरंजनी अखाड़े में शामिल हुए। बाबा शिक्षा के क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि धर्म और शिक्षा दोनों को साथ लेकर चलने से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
आस्था रखने वालों की भीड़ लगती (Golden Baba 2025 Mahakumbh)
बाबा जहां भी जाते हैं, उनमें आस्था रखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती है। श्रद्धालु उन्हें गोल्डन बाबा कहते हैं। बाबा कहते हैं कि मुझे इस बात से कोई परहेज नहीं है। बाबा के पास सोने के 6 लॉकेट हैं, जिनसे करीब 20 मालाएं बन सकती हैं। उनका मोबाइल भी सोने की परत में ढका हुआ है।
अध्यात्म और भक्ति का संदेश (Golden Baba 2025 Mahakumbh)
उनकी हर चीज साधना से जुड़ी हुई है। उनका यह सोने से सजा रूप दिखावे के लिए नहीं है, बल्कि यह उनके आध्यात्मिक जीवन और उनके गुरु के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। बाबा का व्यक्तित्व कुंभ मेले में एक अलग ही छवि वाला है, जो लोगों को मुग्ध कर देता है। गोल्डन बाबा अध्यात्म और भक्ति का संदेश देते हैं।