Khabarwala 24 News New Delhi : Golden River Jharkhand आप जानते हैं कि हमारे देश में एक ऐसी नदी भी है जिसमें सोना बहता है जिसे निकालने के लिए हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं। आज के समय में ये नदी लोगों की कमाई का बड़ा जरिया बन चुकी है। हम बात कर रहे हैं देश के प्राकृतिक रुप से संपन्न राज्य झारखंड में बहने वाली स्वर्णरेखा नदी की। पानी के साथ इसमें सोना बहने के चलते इसे ये नाम दिया गया है। इस नदी से सोना निकालकर आज कई लोग अपना और अपने परिवार का जीवनयापन कर रहे हैं। इस नदी में सोना कहां से आता है, आइए जानते हैं…
नहीं निकाल पाए हैं जानकारी (Golden River Jharkhand)
राज्य की राजधानी रांची से 16 किमी दूर स्थित नगड़ी गांव इसका उद्गम स्थल है। झारखंड के अलावा यह नदी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी बहती है। कुल 474 किमी लंबी स्वर्णरेखा नदी बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है। इस नदी में पानी के साथ सोना क्यों बहता है इसकी जानकारी वैज्ञानिक अभी तक नहीं निकाल पाए हैं।
चट्टानों के बीच निकलती नदी (Golden River Jharkhand)
लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह नदी चट्टानों के बीच से निकलती है, जिस वजह से इसमें सोने के कण घुल जाते हैं। नदी के पानी में सोना होने का सुनकर आपको लग रहा होगा कि इससे सोना निकालना आसान होगा। लेकिन ऐसा नहीं है।
सोना बहुत मेहनत भरा काम (Golden River Jharkhand)
स्वर्ण रेखा नदी से सोना निकालना बहुत मेहनत भरा काम है। दरअसल, सोने के यह कण चावल के दाने से भी छोटे होते हैं। यहां रहने वाले आदिवासी सोना निकालने के लिए सुबह के समय जाते हैं और दिनभर रेत से सोने को छानने का काम करते हैं।
ज्यादा से ज्यादा चार कण ही (Golden River Jharkhand)
सोने के कण छोटे होने की वजह से एक इंसान एक दिन में सिर्फ एक या दो ज्यादा से ज्यादा चार कण ही ढूंढ़ पाता है। वहीं बाजार में इस एक कण का दाम 80 रुपये तक होता है। इस तरह महीने में एक इंसान इन कणों को बेंचकर 4 से 9 हजार रुपये ही कमा पाता है।