Khabarwala 24 News New Delhi : Google and Qualcomm स्मार्टफोन आजकल हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा है. ऐसे में नए फीचर्स और सिक्योरिटी के लिए कंपनियां ऑपरेटिंग सिस्टम वर्जन के अपडेट और सिक्योरिटी अपडेट जारी करती हैं। धीरे-धीरे कई ऐप्स पुराने OS पर से सपोर्ट हटाना शुरू कर देते हैं, जिनमें इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp भी शामिल है। एक बार OS अपडेट बंद होने के बाद मोबाइल पर नए फीचर्स मिलना बंद हो जाते हैं। Google ने मोबाइल यूजर्स की जरूरत को समझते हुए Qualcomm के साथ पार्टनरशिप की है। इसकी मदद से Android मोबाइल यूजर्स को 8 साल तक के लिए OS अपडेट दिया जा सकेगा।
बड़े काम की है पार्टनरशिप (Google and Qualcomm)
यह पार्टनरशिप आम यूजर्स के लिए बड़े काम की साबित हो सकती है। मौजूदा समय में बहुत सी कंपनियां हैं, जो सिर्फ 3 साल तक का OS अपडेट देती हैं। उसके बाद Android OS अपडेट बंद कर दिए जाते हैं। साल 2023 से इंडस्ट्री में थोड़ा बदलाव देखने को मिला था, जिसमें Samsung और Google ने Android मोबाइल यूजर्स को 7 साल तक का अपडेट देने का वादा किया।
मिड रेंज फोन में भी सपोर्ट (Google and Qualcomm)
Snapdragon 8 Elite प्रोसेसर का इस्तेमाल फ्लैगशिप हैंडसेट में किया जाता है और इनकी कीमत भी ज्यादा होती है। जानकारी के मुताबिक, Qualcomm आने वाले दिनों में Snapdragon 7 सीरीज के प्रोसेसर को भी इस पार्टनरशिप में शामिल करेगी। Qualcomm ने बताया है कि जो Android डिवाइस पहले Snapdragon 8 Elite से पुरानी चिपसेट पर लॉन्च हो चुके हैं, उनको इसका फायदा नहीं मिलेगा।
कम लागत के साथ ये काम (Google and Qualcomm)
इस पार्टनरशिप के तहत Qualcomm की तरफ से Android मैन्यूफैक्चरर या OEM को फ्रेमवर्क का सपोर्ट प्रोवाइड कराया जाएगा। इस प्रोग्राम के तहत कंपनियां स्पेसिफिक इंटीग्रेटेड सर्किट (ASICs) और Google के Project Treble का फायदा उठा सकेंगी। इसके लिए OEM को बहुत ज्यादा बदलाव करने की जरूरत नहीं होगी और इससे लागत भी कम करने में मदद मिलेगी।
Qualcomm ने किया ऐलान (Google and Qualcomm)
Qualcomm ने इस सप्ताह एक प्रोग्राम का ऐलान किया था, जिसमें Android अपडेट के लिए सपोर्ट को एक्सटेंड किया जा रहा है, जो अभी लेटेस्ट Snapdragon 8 Elite प्रोसेसर के साथ मिलेगा। इसका सीधा मतलब है कि जो हैंडसेट Snapdragon 8 Elite चिपसेट के साथ आएंगे। वे 8 साल तक के OS अपडेट के लिए एलिजिबल होंगे। हालांकि इसका अंतिम फैसला मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को लेना होगा।