Khabarwala 24 News New Delhi : Green Colours In Sawan भारत में हर ऋतु का अपना एक अलग महत्व है। जल्द ही सावन का महीना शुरू होने वाला है। सावन का पवित्र महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस पूरे महीने सुहागिन महिलाएं हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनकर भोलेनाथ से अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं। माना जाता है कि सावन में हरे रंग की चूड़ियां और कपड़े पहनने से परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
क्या कहती है आयुर्वेद की कलर थेरेपी (Green Colours In Sawan)
आयुर्वेद में हरे रंग को उपचार और कल्याण से जोड़कर देखा जाता है। हरा रंग प्रकृति का रंग है और क्रोमथेरेपिस्टों के अनुसार, यह तनाव को दूर करने और व्यक्ति को आराम देने में मदद कर सकता है। इतना ही नहीं, पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति के लिए, हरा रंग लीवर में ऊर्जा के संचार को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। मानसून के दौरान इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से व्यक्ति जल्दी बीमार पड़ने लगता है। माना जाता है कि हरे रंग में उपचार के गुण मौजूद होते हैं।
भगवान शिव को बेहद प्रिय है हरा रंग (Green Colours In Sawan)
सावन में हरा रंग पहनने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि भगवान शंकर का प्रकृति से विशेष लगाव है, ऐसे में भक्त जब हरा रंग पहनकर खुद को प्रकृति के अनुरूप ढालते हैं तो भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। हरा रंग प्रकृति,सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि का प्रतीक माना जाता है। कई ऐसे रोग हैं, जिनका उपचार कलर थेरेपी (जिसे क्रोमोथेरेपी भी कहा जाता है) की मदद से किया जाता है।
जीवन में खुशहाली लाता है हरा रंग (Green Colours In Sawan)
ऐसा माना जाता है कि जिन शादीशुदा जोड़ों के जीवन में अनबन चल रही हो वो अपने बेडरुम के दक्षिण पूर्व हिस्से को हरे रंग से पेंट करवा लें। ऐसा करने से उनके रिश्ते में मिठास बनी रहेगी। हरा रंग बुद्ध ग्रह का भी प्रतीक होता है, जो व्यक्ति के करियर और व्यापार से जुड़ा हुआ होता है। ऐसे में सावन के महीने में हरा रंग पहनने से बुद्ध प्रसन्न होकर सुहागिन स्त्रियों के जीवन में संपन्नता बढ़ाने का काम करते हैं।