खबरwala 24 न्यूज हापुड़: जीएसटी विभाग की छापामार कार्रवाई फिलहाल रुक जरूर गई है, लेकिन व्यापारियों में आज भी बेचैनी है। पिछले दिनों पड़े छापाें का ही असर है कि छह दिन के भीतर 1.57 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी गई और विभाग में यह टैक्स जमा हो गया। अभी भी विभाग के रडार पर जिले के कई व्यापारी हैं। जिनके खिलाफ शासन से निर्देश मिलने के बाद से फिर कार्रवाई की जाएगी।
दिसंबर माह शुरू होते ही जीएसटी विभाग ने पूरे उत्तर प्रदेश में छापामार कार्रवाई शुरू कर दी थी। छापामार कार्रवाई का इतना खौफ हो गया था कि अधिकांश व्यापारियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखना शुरू कर दिया था। जिले में भी लगातार छह दिनों तक विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न स्थानों पर छापामार कार्रवाई की। जिसके बाद व्यापारी संगठनों में काफी आक्रोश व्याप्त हो गया था। व्यापारियों की बैठकों का दौर शुरू हो गया था और आंदोलन तेज करने के लिए रणनीति बनने लगी थी। प्रदेश सरकार के निर्देश पर जीएसटी विभाग ने फिलहाल छापामार कार्रवाई को रोक दिया है।
व्यापारियों का कहना था कि छापे के नाम पर उत्पीड़न न किया जाए। व्यापारियों को समय दिया जाए। छोटे व्यापारियों को जीएसटी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हैं उन्हें जानकारी देकर कैंप लगाकर पंजीकरण कराया जाए। सीधे छापामार कार्रवाई करना गलत है।
जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर माह में छापामार कार्रवाई के बाद विभाग में टैक्स जमा कराया गया है। शासन के निर्देश पर ही छापामार कार्रवाई को बंद किया गया है। अब जैसा शासन से निर्देश मिलेगा, वैसी ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जो फर्म विभाग में रजिस्टर्ड नहीं है, वह सभी अपना पंजीकरण करा लें।
सैकड़ों व्यापारी अभी भी रडार पर
जीएसटी विभाग के अधिकारियों की मानें तो जिले में बेशक छापामार कार्रवाई रुक गई हो, लेकिन शासन को जो लिस्ट भेजी गई है। उसमें सैकड़ों व्यापारियों के नाम विभाग की नजर में हैं।
छापामार कार्रवाई के दौरान बोगस मिले थे बिल
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन-जिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापामार कार्रवाई की गई थी। वहां पर बोगस बिल सबसे ज्यादा प्राप्त हुए हैं। कुछ व्यापारी बिना रजिस्ट्रेशन के कारोबार करते हुए मिले। बिना विभाग को सूचना दिए ही फर्म संचालित की जा रही थी। जिनका टर्नओवर बहुत अधिक था।
विभाग की अब तक की कार्रवाई का विवरण
छह दिन में हुई छापामार कार्रवाई – 51
अपंजीकृत मिली फर्म – 51
विभाग में जमा कराया गया टैक्स – एक करोड़ 57 लाख आठ हजार रुपये