Khabarwala 24 News New Delhi : Gyanvapi Case इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने याचिका दायर की थी, लेकिन उसे कोर्ट से राहत नहीं मिली है। तबतक के लिए पूजा पर रोक नहीं है। 6 फरवरी को ही वाराणसी की जिला अदालत में ASI की रिपोर्ट पर भी सुनवाई होगी। वहीं, हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को जगह संरक्षित करने को कहा है। साथ ही साथ निर्देश दिया है कि कोई नुकसान या निर्माण नहीं होना चाहिए।
मुस्लिम पक्ष के लिए भारी तर्क (Gyanvapi Case)
कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से कहा कि जब कलेक्टर को रिसीवर नियुक्त किया गया तब आपने विरोध नहीं किया. यही तर्क मुस्लिम पक्ष के लिए भारी पड़ा है। मस्जिद समिति से अपील में संशोधन करने और जिला न्यायाधीश के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती देने को कहा है। साथ ही कानून-व्यवस्था बरकरार रखने का निर्देश भी दिया है।
यूपी सरकार से जानी जानकारी (Gyanvapi Case)
इससे पहले कोर्ट ने यूपी के एडवोकेट जनरल से वर्तमान स्थिति बताने को कहा है। एडवोकेट जनरल ने बताया कि तहखाने में पूजा अर्चना शुरू कर दी गई है। बड़ी संख्या में लोग तहखाने के दर्शन भी कर रहे हैं। कोर्ट ने यूपी सरकार से वहां किए गए इंतजामों की जानकारी विस्तार से जानी है।
विष्णु शंकर जैन ने रखा पक्ष (Gyanvapi Case)
सुनवाई कर रहे जज जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने मस्जिद कमेटी के वकील से कहा कि आपने डीएम को रिसीवर नियुक्त किए जाने के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती नहीं दिया। सीधे 31 जनवरी के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है। ऐसे में यह बताइए कि आपकी अर्जी की पोषणीयता क्या है।
याचिका पर एतराज जताया
क्या उसपर सुनवाई की जा सकती है? 31 जनवरी का आदेश 17 जनवरी को डीएम को रिसीवर नियुक्त किए जाने के आगे की कड़ी है। सरकार द्वारा जानकारी मुहैया कराने के बाद हिंदू पक्ष ने मस्जिद कमेटी की याचिका पर एतराज जताया और याचिका खारिज की अपील की। हिंदू पक्ष की तरफ से वकील विष्णु शंकर जैन पेश हुए।
हाईकोर्ट का किया था रुख
वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद ज्ञानवापी परिसर स्थिति व्यास जी के तहखाने में पूजा-अर्चना कराई जाने लगी है। 31 सालों के बाद पूजा शुरू हुई है। इस मामले को लेकर ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था।
सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं
समिति को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी। इधर, शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद का परिसर पूरी तरह भरा दिखाई दिया है। इसके बाद किसी को भी नमाज के लिए अंदर नहीं जाने दिया। पुलिस ने अपील की है कि वो किसी दूसरी मस्जिद में नमाज अदा करें।