Khabarwala 24 News New Delhi : Halo Orbit भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और उपलब्धि को हासिल कर लिया है। अपने ‘आदित्य-एल1’ यान को पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंज पॉइंट 1 पर हेलो ऑर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। आदित्य एल1 को सूर्य का अध्ययन करने के लिए पिछले साल 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। इसरो की इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बधाई दी है।
अंतरिक्ष में मौसम से जुड़े रहस्यों को समझेगा (Halo Orbit)
इसरो के आदित्य एल1 मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना है। यह सूर्य की सतह पर आने वाले सौर भूकंप, सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम से जुड़े रहस्यों को समझेगा। सूरज के वायुमंडल की जानकारी रिकॉर्ड करेगा। बता दें कि दुनियाभर के वैज्ञानिक सूर्य को लेकर ज्यादा जानकारी इकट्ठा नहीं कर पाए हैं। प्रमुख कारण है सूर्य का तापमान काफी अधिक होना. तापमान की वजह से कोई सैटेलाइट करीब पहुंचने से पहले जलकर राख हो जाएगा।
इसरो के इस मिशन का क्या है मुख्य उद्देश्य (Halo Orbit)
लैग्रेंज पॉइंट वह क्षेत्र है जहां पर पृथ्वी और सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण निष्क्रिय हो जाता है। यान इसके आसपास एक हेलो ऑर्बिट में रहेगा और वहीं से वो सूर्य से जुड़ी अहम जानकारी इसरो को मुहैया कराएगा। एल1 प्वाइंट पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का लगभग 1% है। हेलो ऑर्बिट में उपग्रह से सूर्य को लगातार देखा जा सकता है, इसलिए आदित्य एल1 को ऑर्बिट में रहकर रियल टाइम में सूर्य की गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करने मे मदद मिलेगी।
सूर्य के तापमान से बचाएगा आदित्य एल1? (Halo Orbit)
इसरो की ओर से तैयार किए गए आदित्य एल1 में अत्याधुनिक ताप प्रतिरोधी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसके बाहरी हिस्से पर स्पेशल कोटिंग की गई जो इसे सूर्य के प्रचंड ताप से सुरक्षित रखेगा। इसके साथ-साथ इसमें मजबूत हीट शील्ड भी लगाई है जो इसे ज्यादा तापमान से सुरक्षा प्रदान करेगा। सूर्य के तापमान से बचाने के लिए इसमें और भी कई उपकरण लगाए गए हैं।
अंतरिक्ष पर्यावरण की भी निगरानी करेगा (Halo Orbit)
एल1 प्वाइंट इसलिए भी खास है क्योंकि जब भी अंतरिक्ष के मौसम में सूर्य की गतिविधियों में जब भी कोई परिवर्तन होता है तो पृथ्वी पर प्रभाव डालने से पहले इसी प्वाइंट पर दिखाई देता है। ऐसे में यह जानकारी वैज्ञानिकों के लिए काफी अहम साबित हो सकती है। आदित्य एल वन पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष पर्यावरण की भी निगरानी करेगा, जिससे अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान मॉडल बेहद अहम साबित होगा।
