Tuesday, March 4, 2025

Hapur वर्ष 2025 में विवाह के 69 मुहूर्त, चार ग्रहण भी पडे़ंगे

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Khabarwala 24 News Hapur: Hapur नए साल 2025 में वैवाहिक व अन्य मांगलिक कार्यों के लिए बंपर मुहूर्त रहेंगे। 15 जनवरी के बाद से ही शहनाई की गूंज सुनाई देने लगेगी। इस साल कुल 69 शुभ मुहूर्त रहेंगे, फरवरी माह के सबसे अधिक 15 दिन विवाह के लिए मुहूर्त हैं। इसके साथ ही मार्च से सितंबर माह के बीच चार ग्रहण भी पड़ेंगें। इसके साथ ही पांच साल बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति पड़ेगी।

फरवरी में सबसे अधिक 15 शुभ मुहूर्त (Hapur)

ज्योतिषाचार्य पंडित संतोष तिवारी ने बताया कि 15 जनवरी के बाद से मांगलिक कार्यों की शुरूआत होगी और इस माह 28 जनवरी तक दस शुभ मुहूर्त हैं। इस बार फरवरी में सर्वाधिक 15 दिन विवाह के शुभ मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद मार्च माह में होलास्टक और खरमास लगने के बाद 13 अप्रैल तक मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। अप्रेल, मई और नौ जून तक खूब शहनाई बजेंगी। इसके बाद चार माह के लिए भगवान विष्णु विश्राम के लिए चले जाएंगे। इसके बाद 18 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के साथ शहनाई की गूंज शुरू हो जाएगी।

मार्च से सितंबर के मध्य चार ग्रहण- (Hapur)

वर्ष 2025 में चार ग्रहण लगेंगे, जिनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्रग्रहण होंगे। ग्रहण लगने की शुरुआत मार्च से होगी। 14 मार्च को पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा, जो भारत में नजर नहीं आएगा। साल का दूसरा ग्रहण 29 मार्च को लगेगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में नहीं दिखेगा। तीसरा पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, जो 7-8 सितंबर को होगा, यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इसके साथ ही सितंबर में ही साल का आखिरी ग्रहण लेगा। 21-22 सितंबर को आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, लेकिन यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा।

इस वर्ष के शुभ मुहूर्त- (Hapur)

जनवरी-16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 24, 26, 28

फरवरी- 2, 3, 4, 7, 8, 14, 15, 16, 18, 20, 21, 22, 23, 25, 26

मार्च -1, 2, 3, 6 (सात मार्च से होलास्टक, इसके बाद खरमास)

अप्रैल- 14, 16, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 29, 30

मई- 1, 5, 6, 7, 8, 13, 15, 17, 18, 19, 24, 28

जून- 1, 2, 4, 7, 8, 9 (12 जून को गुरु अस्त हो जाएंगे, इसके बाद चार माह का चातुर्मास प्रारंभ होगा)

नवंबर-18, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29, 30

दिसंबर- 4, 10, 11

विवाह का धार्मिक महत्व (Hapur)

सनातन धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है, जो कई प्रकार की परंपराओं और मान्यताओं से समृद्ध है। इस परंपरा में से एक शुभ विवाह भी है, यह जीवन का सबसे खुशनुमा पल होता है। विवाह कई तरह से किए जाते हैं, प्रत्येक के अपने-अपने रीति-रिवाज और महत्व होते हैं।
हिंदू धर्म में यह १६ संस्कारो मे से एक होता है और इसके बगैर कोई भी व्यक्ति ग्रहस्थाश्रम में प्रवेश नहीं कर सकता है। इसलिए हमारे शास्त्रों में विवाह को सबसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी माना जाता है।

नोट -इस वर्ष प्रयागराज में कुंभ मेले का भी आयोजन किया जा रहा है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में छह स्नान पर्व होंगे।

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कुंभ स्नान पर्व -(Hapur)

13 जनवरी- पौष पूर्णिमा स्नान

14 जनवरी- मकर संक्रांति स्नान

29 जनवरी- मौनी अमावस्या स्नान

3 फरवरी- बसंत पंचमी स्नान

12 फरवरी- माघ पूर्णिमा स्नान

26 फरवरी- महाशिवरात्रि स्नान

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

 

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