Khabarwala 24 News Hapur: Hapur भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज भावाधस के पदाधिकारियों ने मंगलवार को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम संदीप कुमार को सौंपा। जिसमें उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के उस निर्णय का स्वागत किया है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने अनुसूचित जाति आरक्षण वर्गीकरण पर निर्णय दिया है।
एडीएम को सौंपा गया ज्ञापन (Hapur)
मंगलवार को भारतीय वाल्मीकि धर्मसमाज भावाधस के मेरठ मंडल प्रमुख दीपक चंद्रा और जिलाध्यक्ष आदित्य सूद के नेतृत्व में पदाधिकारी एडीएम संदीप कुमार के कार्यालय में पहुंचे। जहां पर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उन्हें सौंपा गया। जिसमें पदाधिकारियों ने बताया कि भारतीय वाल्मीकि धर्मसमाज भावावध और वाल्मीकि स्वच्छकार समाज अनुसूचित जाति आरक्षण वर्गीकरण सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए एतिहासिक निर्णय का पुरजोर समर्थन एवं स्वागत करता है। आरक्षण वर्गीकरण के लाभ से वाल्मीकि स्वच्छकार अब तक वंचित रहा है। वंचित जाति को आरक्षण का लाभ आजादी के 78 वर्षों के बाद भी नहीं मिल पाया। अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ अभी तक कुछ विशेष वर्ग को ही मिला है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से स्पष्ट है कि सबसे कमजोर वर्ग जिसमें स्वच्छकार समाज के जिसमें अमानवीय प्रथा सर पर मैला ढोलने वाली प्रमुख वाल्मीकि जाति है, जिसको अनुसूचित जाति वर्गीय आरक्षण दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुपालन कराया जाना आवश्यक है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू कराने की मांग (Hapur)
पदाधिकारियों ने ज्ञापन के माध्यम से वाल्मीकि स्वच्छकार समाज ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को ध्यान में रखते हुए अनुसूचित जाति को मिलने वाले आरक्षण से पृथक वर्गीय आरक्षण वाल्मीकि को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में शीघ्र लागू कराया जाए। ताकि समाज के वंचित लोगों को इसका फायदा हो सके।
यह रहे मौजूद
ज्ञापन देने शगुन, सावनवीर, सोनूकांत, कृष्णा, राजेंद्र, मोहन, विकास, मोनू, योगेश आदि मौजूद थे।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज भावाधस ने किया स्वागत