Khabarwala 24 News Hapur: Hapur जिला बनने के करीब 13 साल बाद एआरटीओ कार्यालय (उपसंभागीय कार्यालय) का निर्माण शुरू हो गया है। काफी जद्दोजहद और कई बार टेंडर निरस्त होने के बाद गांव दादरी में करीब दो एकड़ भूमि में जल निगम की कार्यदायी संस्था सीएनडीएस द्वारा इसका निर्माण शुरू कर दिया गया है। शासन की ओर से फिलहाल तीन करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है।
गांव दादरी में बन रहा एआरटीओ कार्यालय (Hapur)
परिवहन विभाग ने करीब दो साल पहले गांव दादरी में दो एकड़ जमीन चिह्नित की थी, लेकिन यह जमीन उबड़-खाबड़ थी। इसलिए करीब 35 लाख रुपये खर्च कर इसे समतल भी कर दिया गया। लेकिन इसके लिए धनराशि जारी होने के बाद भी कुछ तकनीकी खामियों के कारण इसका टेंडर बार बार निरस्त हो रहा था और मिली धनराशि भी वापस हो गई थी। हालांकि कार्यालय के निर्माण के लिए पिछले दो सालों से लगातार पत्राचार किए जा रहे थे। ऐसे में अब इसका निर्माण शुरू कर दिया गया है। सीएनडीएस के अवर अभियंता ने आशीष गर्ग ने बताया कि कार्यालय का निर्माण शुरू कर दिया गया है। पहले ही कार्यालय के निर्माण में देरी हुई है। ऐसे में निर्धारित डेढ़ साल में ही इसके निर्माण को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
करीब डेढ़ साल में पूरा करना होगा कार्यालय का निर्माण- (Hapur)
यह कार्यालय बहुमंजिला होगा। फिलहाल यह कार्यालय मेरठ रोड पर छह कमरों के किराए के भवन में संचालित है। इसके चलते अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा यहां आने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। नए भवन में कमरों के साथ कांफेंस रूम, ड्राइविंग टेस्टिंग ग्राउंड के अलावा पार्किंग आदि की सुविधाएं भी होंगी। इसके लिए कार्यदायी संस्था जल निगम सीएनडीएस को डेढ़ वर्ष का समय दिया गया है। फिलहाल नौ करोड़ में से तीन करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी गई है।
सडक़ों पर हो रहा है ट्रायल, जाम से मिलेगी मुक्ति — (Hapur)
मेरठ रोड पर जिस स्थान पर अस्थाई एआरटीओ कार्यालय है, वहां दिन जाम की स्थिति रहती है। सडक़ किनारे ही वाहन की कतारें लगी रहती हैं। इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कार्यालय के पास से गुजर रही सडक़ पर ट्रायल कराया जाता है। इन कारण हादसे होने का खतरा भी इस मार्ग पर रहता है। कार्यालय का निर्माण होने से यहां से गुजरने वालों को राहत मिल सकेगी।
जिले में प्रतिदिन बनते हैं डीएल – 55 से 60
प्रतिदिन फिटनेस कराए वाले वाहनों की संख्या – 15 से 20
वर्ष भर में नए पंजीकृत होने वाले वाहन – चार से पांच हजार तक

