Khabarwala 24 News Hapur: Hapur यूपी के जनपद हापुड़ के बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के गांव बहादुरगढ़ में वर्ष 2018 में हुए आसिक अली हत्याकांड में जनपद न्यायाधीश मलखान सिंह ने चार अभियुक्तों को दोषी मानते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने इसके साथ ही प्रत्येक अभियुक्त को 33-33 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
क्या है पूरा मामला (Hapur)
प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) नरेश चंद शर्मा व वादी के अधिवक्ता ठाकुर गजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र के ग्राम बहादुरगढ़ निवासी आसिफ अली ने थाने में तहरीर दी कि तीन अगस्त की सुबह उसके गांव के अनीस, कलुवा, नदीम, चांद ने उसके घर में घुसकर जान से मारने की नीयत से उसके भाई कलवा व पिता आशक अली के साथ लाठी, डण्डों व फरसे से मारपीट की थी, जिसमें उसका भाई कलवा, पिता आसिक अली व उसके गम्भीर चोटें आई थी जिसका मुकदमा उसके भाई कलवा ने आज ही थाने पर लिखाया था । उसके पिता आसिक अली का इलाज मेरठ मेडिकल कालेज में चल रहा था जिनकी आज इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। उसका भाई कलवा जिला अस्पताल हापुड़ में भर्ती है, जिसकी हालत गम्भीर है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत की।
न्यायाधीश ने सुनाई सजा (Hapur)
प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) नरेश चंद शर्मा ने बताया कि जनपद न्यायाधीश मलखान सिंह ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अभियुक्तगण अनीस, कलवा, चाँद व नदीम प्रत्येक को धारा-452 भा.दं.सं. में तीन वर्ष का सश्रम कारावास तथा तीन-तीन हजार रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया है। अभियुक्तगण प्रत्येक को धारा-302 सपठित धारा 34 भा.दं.सं. में सश्रम आजीवन कारावास तथा बीस-बीस हजार रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है। अभियुक्तगण प्रत्येक को धारा-323 सपठित धारा 34 भा०दं०सं० में एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास तथा एक-एक हजार रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है।
इन आरोपों में भी सुनाई सजा (Hapur)
अभियुक्तगण प्रत्येक को धारा-324 सपठित धारा 34 भा०दं०सं० में दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास तथा दो-दो हजार रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है। अभियुक्तगण प्रत्येक को धारा-325 सपठित धारा 34 भा.दं.सं में तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा तीन-तीन हजार रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है। अभियुक्तगण प्रत्येक को धारा-504 भा०दं०सं० में एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास तथा एक-एक हजार रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है।अभियुक्तगण प्रत्येक को धारा-506 भा.दं.सं में तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा तीन-तीन हजार रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाता है।