Khabarwala 24 News New Hapur: Hapur अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने 19 वर्षीय विक्षप्ति युवती के साथ दुष्कर्म करने के मामले को बेहद गंभीरता से लिया।
जिसके चलते न्यायालय ने मामले में शुक्रवार को निर्णय सुनाया। जिसमें न्यायाधीश ने मामले के दो आरोपी को दुष्कर्म का दोषी करार दिया। मामले के एक दोषी को आजीवन कारावास(जीवन की अंतिम सांस तक) की सजा सुनाई। वहीं मामले के दूसरे दोषी बाल अपचारी को बीस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों दोषियों को 1.20 लाख अर्थदंड से भी दंडित किया।
क्या है पूरा मामला (Hapur)
विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि हाफिजपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने थाने में एक तहरीर दी। जिसमें उसने कहा कि उसकी 19 वर्षीय पुत्री मानसिक रुप से विक्षप्ति है। वह और उसके पति मजदूरी करते है। एक दिन वह और उसके पति मजदूरी करने के लिए गए थे। शाम को वह मजदूरी करके वापस आए तो उन्होंने अपनी मानसिक रुप से विक्षप्ति पुत्री को घर पर नहीं पाया। उनकी पुत्री अक्सर दिन में घर के पास ही स्थित एक तालाब पर जाकर बैठ जाती है।
पुत्री की तलाश में तालाब पर पहुंचे (Hapur)
यह सोचकर वह अपनी पुत्री को खोजते हुए तालाब पर पहुंचे। लेकिन तालाब पर भी उनकी पुत्री नहीं मिली। तालाब के आसपास खेल रहे बच्चों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि अकबर व एक किशोर उनकी पुत्री को दस रुपये देकर अपने साथ पास के एक सरसों के खेत में ले गए है।
जब वह उक्त सरसों के खेत पर पहुंचे तो उन्होंने 70 वर्षीय अकबर निवासी गांव हृदयपुर व एक अन्य किशोर को खेत के दूसरी तरफ से जाते हुए देखा। उनकी पुत्री सरसों के खेत के किनारे पर मिली। उनकी पुत्री के कपड़े अस्त-व्यस्त थे। पूछताछ करने पर उनकी पुत्री ने अपने टूटे-फूटे शब्दों और इशारों के माध्यम से आरोपियों द्वारा घटित की गई घटना के बारे में बताया।
अधिकतम दंड से दंडित किया जाए (Hapur)
पुलिस ने 70 वर्षीय बुजुर्ग अकबर व एक नाबालिग के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कर मामले के आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए। मामले के एक आरोपी की आयु घटना की तिथि वाले दिन सोलह वर्ष चार माह 19 दिन थी। जिसके चलते वह नाबालिग था। लेकिन जघन्य अपराध के मामले में सोहल से अठारह वर्ष तक के नाबालिग के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में वाद विचाराधीन न होकर सिविल कोर्ट में चलता है।
इसलिए उक्त नाबालिग आरोपी के खिलाफ भी मुकदमा सिविल कोर्ट में सुना गया। जिसके चलते दोनों आरोपियों का मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यााधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट में चल रहा था। अभियोजन पक्ष की तरफ से न्यायालय में मजबूत साक्ष्य व कई गवाह पेश किए। उन्होंने न्यायालय से कहा कि आरोपियों ने पीडि़ता के साथ सामूहिक दुष्कर्म जैसा गंभीर अपराध किया है। इसलिए आरोपी को अपराध की प्रकृति देखते हुए अधिकतम दंड से दंडित किया जाए।
न्यायाधीश ने सुनाई सजा (Hapur)
विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यााधीश पॉक्सो एक्ट उमाकांत जिंदल ने अभियुक्त अकबर को धारा 376-डी भा.दसं के अन्तर्गत आजीवन सश्रम कारावास (जिसका तात्पर्य उसके नैसर्गिक जीवन के शेष के लिए कारावास है) एवं एक लाख रुपये के अर्थदण्ड से दंड़ित किया जाता है । अर्थदंड की धनराशि अदा न करने पर अभियुक्त को एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना होगा।
किशोर अपराधी एल को धारा 376-डी भा.द.सं में वर्णित न्यूनतम कारावास 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं बीस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया जाता है। अर्थदण्ड की धनराशि अदा न करने पर अभियुक्त को दो माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना होगा ।