Khabarwala 24 News Hapur: Hapur घोटाले में दोषी पाए जाने पर ग्राम असाैड़ा की ग्राम प्रधान को निलंबित कर दिया गया है। डीएम ने जांच रिपोर्ट के आधार पर उसके वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए हैं। अब वह गांव में प्रधान के रूप में किसी कार्य का संचालन नहीं कर पाएंगी। वही गांव में व्यवस्था संभालने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। इसके लिए बीडीओ को नामित किया गया है। जांच टीम ने ग्राम प्रधान के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों के साक्ष्य एकत्र करके अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी थी।
क्या है पूरा मामला (Hapur)
असौड़ा की ग्राम प्रधान आयशा मुर्तजा लंबे समय से विवादों में थीं। उन पर सरकारी धन और संपत्ति के दुरुपयोग के आरोप लग रहे थे। ग्राम प्रधान के साथ ही उनके परिवार के लोगों पर भी घपले के आरोप लगे थे। पिछले दिनों ही भूसा ले जाने का एक वीडियो वायरल हुआ था। उसमें गांव की गोशाला के गोवंशों का भूसा चोरी करने का आरोप लगा था। उसके चलते सीडीओ ने जांच कमेटी गठित की थी। इसके साथ ही पिछले दिनों असौड़ा की जाहिदा खान, परवीन बेगम, गोपाल सिंह, सविता सैनी और बबीता ने ग्राम प्रधान आयशा मुर्तजा के खिलाफ शिकायत की थी। उन्होंने शपथ पत्र देकर ग्राम प्रधान पर घपले के आरोप लगाए थे। इस मामले में डीएम ने जांच टीम का गठन किया था। डीएम के आदेश पर जिला ग्रामोद्योग अधिकारी और मध्य गंग नहर के सहायक अभियंता ने जांच शुरू की थी। जांच में ग्राम प्रधान पर घपले के आरोप सही पाए गए।
यह थे आरोप (Hapur)
– स्ट्रीट लाइट फाइलों में लगी मिलीं, जबकि टीम को मौके पर लगी हुई नहीं मिलीं।
– गोशाला का विद्युत मोटर वहां से उठवाकर बेच दिया गया।
– 2.49 लाख रुपये कूड़ाघर के निर्माण पर खर्च कर दिए गए, जबकि कहीं पर कूड़ाघर बनाया ही नहीं गया।
– नलों के रीबोर करने में नया सामान लगाने का दावा किया गया, जबकि उनके पुराना सामान लगाया गया।
– गांव में लगाए गए चैनल को उखड़वाकर बेच दिया गया। उनका कोई हिसाब फाइलों में नहीं मिला।
कमेटी का होगा गठन (Hapur)
डीएम ने असौड़ा की ग्राम प्रधान आयशा मुर्तजा को सस्पेंड कर दिया है। उनके वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए हैं। अब वह प्रधान के रूप में किसी दायित्व का निर्वहन नहीं कर पाएंगी। अब गांव में ग्राम पंचायत के कार्यों का संचालन कमेटी करेगी। इसके लिए बीडीओ को निर्देशित किया गया है। बीडीओ कमेटी का गठन करके डीएम को सौंपेंगे। – एसबी शुक्ला- जिला पंचायतराज अधिकारी।