Khabarwala 24 News Hapur: Hapur शहीद मेले में भव्य नाटक मूर्तिकार का हुआ मंचनस्वाधीनता संग्राम शहीद स्मारक समिति के तत्वावधान में शनिवार की रात्रि भव्य नाटक मूर्तिकार का मंचन किया गया। जिसकी सभी ने सराहना की। देशभक्ति के इस नाटक की सभी ने सराहना की।
नरेंद्र गुप्ता थे नाटक के निर्देशक
शनिवार को मौसम खराब होने के कारण शहीद मेला स्थल के स्थान पर रामलीला मैदान के सामने अग्रसेन भवन में नाटक का मंचन किया गया। दिल्ली से आए हुए कलाकारों ने सुंदर प्रस्तुति प्रस्तुत की ।नाटक के निर्माता निर्देशक नरेंद्र गुप्ता रहे।
मंचन में क्या दिखाया
मूर्तिकार नाटक के मंचन में दिखाया जाता है कि मूर्तिकार ने नबाब साहब, किसान, मद्रासी ,गांधीजी ,फौजी, एवम अन्य जातियों की मूर्ति शहीद मेले में बेचने के लिए बनाई थी। बनाते-बनाते मूर्तिकार को नींद आ गई और मूर्तियों में जान पड़ गई। मूर्तियां आपस में ही अपने-अपने गुणों का गुणगान करने लगे ।अंत में गांधी जी की मूर्ति टूट गई ।गांधी जी की मूर्ति टूटने पर सभी मूर्तियों को दुख हुआ और सभी ने मिलकर उसे मूर्ति को जोड़ा यह नाटक देशभक्तिपूर्ण रहा ।
मेले का क्या है इतिहास
10 मई 1857 को दिल्ली रोड पर रामलीला मैदान के बाहर स्थित पीपड़ के पेड़ पर अंग्रेजों ने धौलाना के चार देशभक्तों को फांसी पर लटका दिया था। पीपल का पेड़ वर्तमान समय में भी शहीदों की शहादत का साक्षी है। यह पेड़ वर्ष 1975 को वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय कैलास आजाद ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर इस पेड़ के नीचे शहीद दिवस मनाया। दस मई वर्ष 1976 से शहीद मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन शुरू किया गया। देश भर में शहीदों के नाम पर केवल हापुड़ में ही मेला लगता है। 10 मई को जिले में अवकाश भी रहता है।
सभी का आभार व्यक्त किया (Hapur)
स्वाधीनता संग्राम शहीद स्मारक समिति के प्रधान ललित कुमार अग्रवाल छावनी वाले, सचिव मुकुल त्यागी एडवोकेट ने सभी कलाकारों, समिति के पदाधिकारी, सदस्य और गणमान्य लोगों का आभार व्यक्त किया। कलाकारों को सम्मानित किया गया।