Khabarwala 24 News Hapur : गुर्जर समाज के पदाधिकारियों और सदस्यों ने जिला मुख्यालय पर धरना देते हुए जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें गुर्जर समाज द्वारा 14 सितंबर को प्रस्तावित महापंचायत के स्थगन की सूचना के अभाव में घोड़ा मैदान गढ मुक्तेश्वर पहुंचे समाज के लोगों पर ग़लत तरीक़े से दर्ज किए गए मुकदमें को हटाने की मांग की।
ज्ञापन में बताया गया कि 14-9-23 को घोड़ा मैदान गढ़मुक्तेश्वर में हापुड़ के समस्त गुर्जर समाज ने एक महापंचायत का आयोजन किया था। जिसकी परमिशन के लिए 6-9-23 को एसडीएम गढ के यहां आवेदन किया गया था, लेकिन प्रशासन ने पंचायत करने की अनुमति नहीं दी । जिसकी सूचना महापंचायत के आयोजको को 12-9-23 की शाम को दी गई । जो कि गलत था।13 सितंबर को जिला मुख्यालय पर अधिकारियों से वार्ता की तो बताया गया कि धारा 144 के कारण महापंचायत की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह सारी जानकारी समाज को दी और समाज के लोगों को घोड़ा मैदान में पहुंचने के लिए मना किया।
ज्ञापन में बताया गया कि इस सूचना के उपरांत गुर्जर समाज के लोग घोड़ा मैदान में नहीं पहुंचे। मगर कुछ 50 से 60 लोग जिन्हें शायद किन्हीं कारणों वश सूचना नहीं मिली होगी वह घोड़ा मैदान गढ़मुक्तेश्वर पहुंच गए। लेकिन उन सभी लोगों ने वहां पहुंचने के बाद भी प्रशासन का पूरा साथ दिया और उन सभी लोगों ने प्रशासन के काम में कोई व्यवधान भी नहीं किया और ना ही वहां पर कोई तोड़फोड़ व हिंसा हुई। मगर पुलिस प्रशासन ने फिर भी गुर्जर समाज के कुछ लोगों पर गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली में मुकदमे लिख दिए जो स्वतंत्र भारत की तस्वीर को गलत ठहराते हैं । इसको लेकर गुर्जर समाज में भारी रोष है
उन्होंने अनुरोध किया कि इन मुकदमों को एक महीने के अंदर वापस किया जाए उससे पूरा हापुड़ गुर्जर समाज आपका आभारी रहेगा और अगर एक महीने में ये मुक़दमे वापस नहीं लिए जाते है तो हापुड़ का समस्त गुर्जर समाज बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी
यह रहे मौजूद
ज्ञापन देने वालों में जगबीर सिंह गुर्जर, ओमवीर प्रधान, राजेंद्र नागर, रोहन नागर, बब्लू प्रधान, राजेंद्र गुर्जर, यतेंद्र गुर्जर, विक्रम सिंह, सुशील कसाना, मनोज कसाना, नितेश, सुमित, राहुल, ईश्वर सिंह, अंकित भड़ाना, सुशील हूण, मोहित, पिंटू प्रधान, कौशिंद्र गुर्जर आदि मौजूद थे।