Khabarwala 24 News Hapur: Hapur जिले में अब एक हजार की जगह 500 वर्ग मीटर भूमि पर भी होटलों का निर्माण हो सकेगा। शासन के आदेशों को हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण ने जिले में भी लागू कर दिया है। शुरुआत में 20 से अधिक होटलों के निर्माण की फाइलों को स्वीकृति मिल सकेगी। साथ ही कम भूमि में पुरानी जगहों पर बने होटलों के संचालकों को भी लाइसेंस के लिए स्वीकृति मिल सकेगी।
सराय एक्ट में पंजीकरण जरूरी (Hapur)
जगह-जगह लोगों ने होटलों का निर्माण तो कर लिया है, लेकिन वह नियमों का पालन न कर पाने के कारण अवैध रूप से संचालित हैं, जबकि किसी भी होटल के संचालन के लिए सराय एक्ट में पंजीकरण जरूरी होता है। सराय एक्ट में कई विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होता है। इसके बाद ही होटल का संचालन कर सकते हैं। ऐसे में पर्यटकों को जगह-जगह होटलों की सुविधा मिल सके, इसके लिए पिछले दिनों निर्माण को लेकर शासन ने आदेश जारी किए थे।
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे (Hapur)
जिसे एचपीडीए की 71 वीं बोर्ड बैठक में प्रस्ताव के रूप में रखा गया था। इस प्रस्ताव को मंजूरी के बाद अब एक हजार की जगह 500 वर्ग मीटर में भी होटलों का निर्माण हो सकेगा। इससे लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा और शासन की आय भी बढ़ेगी। हालांकि, ढाबों पर यह नियम लागू नहीं होगा। साथ ही पेट्रोल पंप के मामलों में भी भूखंड के नियमों में छूट दी गई है।
सराय एक्ट में पंजीकरण के लिए यह जरूरी (Hapur)
जिले में एडीएम स्तर से सराय के रखवाले का नाम और निवास स्थान दर्ज करने के लिए रजिस्टर में जानकारी दर्ज करनी होती है। इसके बाद राजस्व, पुलिस, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, अग्निशमन, पर्यावरण विभाग, नगर पालिका, जिला पंचायत आदि से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होता है। इन विभागों से एनओसी मिलने के बाद ही सराय एक्ट में पंजीकरण होता है।
यह कहते हैं अधिकारी (Hapur)
शासन के नए आदेश के अनुसार जिले में भी एक हजार के स्थान पर ५०० वर्ग मीटर भूमि में होटल का निर्माण कराया जा सकता है। इसके साथ ही सराय एक्ट में पंजीकरण कराना भी जरूरी होगा। होटल जैसी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए यह आदेश लागू हुए हैं। – प्रवीण गुप्ता, सचिव, एचपीडीए
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