Khabarwala 24 News Hapur: Hapur श्री रामलीला समिति रजिस्टर्ड हापुड़ द्वारा आयोजित श्री राम कथा के षष्ठम दिवस पर यजमान श्री सारंग अग्रवाल एवं दीपा अग्रवाल द्वारा प्रातः काल की बेला में श्री रामचरित मानस जी की पूजा अर्चना की गई।
विवाह के बाद भाईयों के साथ अयोध्या लौटे (Hapur)
परम पूज्य श्रद्धेय पवन देव चतुर्वेदी व्यास जी महाराज ने बताया कि जब से राम व्याह घर आये नित नव मंगल मोद पठाए- श्री राम जी महाराज का जब विवाह हो गया तो चारों भाई विवाह करके बधूओं के साथ अयोध्या जी लौटे। अयोध्या जी में सब आनंद मंगल रहा। फिर एक दिन महाराज श्री दशरथ ने भगवान श्री राम को युवराज पद देने की घोषणा की का प्रसंग चला।
माता कैकई द्वारा महाराजा दशरथ जी से 2 वरदान मांगना (Hapur)
जब माता कैकई जी को यह बात पता चली कि महाराज श्री दशरथ जी, भगवान श्री राम को अयोध्या जी का राज पाठ देने वाले हैं तब उन्होंने महाराज श्री दशरथ जी को देव असुर संग्राम में महाराज द्वारा दिए गए दो वरदान जो बाकी थे याद दिलाए। और माता कैकई ने अपने प्रथम वरदान में भरत जी को अयोध्या का राज्य और दूसरे वरदान में श्री राम को 14 वर्ष का वनवास मांगा। जिसे सुनकर महाराज श्री बहुत कष्टमय हुए। और पृथ्वी पर गिर पड़े।
जब भगवान श्री राम ने किया वन को प्रस्थान (Hapur)
महाराज श्री दशरथ जी द्वारा श्री राम को बुलाया गया और उन्होंने माता कैकई के दो वरदानों का वृतांत बताया तब श्री राम वन के लिए प्रस्थान करते हैं एवं साथ में माता सीता जी एवं लक्ष्मण जी भी चल दिए। समस्त अयोध्या वासी बहुत दुखी हुए। इधर श्री राम जी महाराज ने प्रयागराज में पहुंचकर श्रंगवेरपुर में जाकर भीलों के राजा निषाद राज से मित्रता की और केवट के द्वारा गंगा जी पार करने के अद्भुत प्रसंग का आनंद कथा के रूप में आज श्रवण कर भक्त मंत्रमुग्ध हुए।
श्री रामचरित मानस जी की आरती (Hapur)
कथा विश्राम होने के बाद प्रधान रविंद्र गुप्ता महामंत्री विनोद कुमार वर्मा कोषाध्यक्ष उमेश अग्रवाल मीडिया प्रभारी शुभम गोयल एडवोकेट द्वारा विधिवत आरती की गई एवं कथा के दौरान डीके सर्राफ रतनलाल ठेकेदार रामकुमार गर्ग नवीन वर्मा अतुल सोनी नवीन गुप्ता हरि प्रकाश जिंदल विवेक सिंघल अंकुर गर्ग मुकुट लाल वर्मा तनिष्क गुप्ता, कुसुमलता बबिता सुनीता आदि उपस्थित रहें।