Hapur Khabarwala24 News Hapur : मोनाड विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ एजुकेशन के तत्वाधान में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारम्भ वि०वि० के कुलपति डॉ० एम०जावेद द्वारा माँ सरस्वती के छायाचित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। जिसमें वि०वि० के कुलपति ने कहा कि भारत के संविधान 14 सितम्बर 1949 को हिंदी जो देवनागरी लिपि में लिखी गयी थी उसे भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया गया। कई क्षेत्रीय भाषाओं के कारण प्रशासन द्वारा हिंदी को ही आधिकारिक भाषा माना गया। इसके बाद आधिकारिक तौर पर पहला हिंदी दिवस 14 सितम्बर 1953 को मनाया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि हिन्दी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है जिसे लगभग 425 मिलियन लोग प्रयोग में लाते हैं। मातृ-भाषा को समझना अत्यधिक सरल है इसलिये मातृ-भाषा को देश के विकास की रीढ़ भी कहा जा सकता है।
वि०वि० के शिक्षा विभाग के प्राचार्य डॉ० महीप मिश्रा ने कहा कि हिन्दी दिवस को मनाने में एक महत्वपूर्ण कारण देश में अंग्रेजी भाषा के बढ़ते चलन को कम करना और हिन्दी को बढ़ावा देना है, क्योंकि हमारे देश में जन्म से हिन्दी भाषा बोली जाती है। जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को सम्प्रेषण करना आसान होता है तथा वह मजबूती के साथ अपनी बात दूसरे लोगों के समक्ष रख सकता है। संगोष्ठी में विभाग के अन्य शिक्षकों डॉ० पवन शर्मा, प्रीति तोमर एवं अमित चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
गोष्ठी में वि०वि० की अकादमिक निदेशक डॉ० सौरभी दत्ता, डॉ० सोमादास, डॉ० कविता रानी, डॉ० दिपांशु अग्रवाल, डॉ० गरिमा गुप्ता, सुमित कुमार, विकास त्यागी, अमित सिंह, मूलराज त्यागी, तकनीकी शिक्षा निदेशक योगेश पाल सिंह, रवि कुमार, अमित मित्तल एवं अन्य शिक्षकगणों के साथ-साथ छात्र भी मौजूद रहे।