Khabarwala 24 News Hapur: Hapur आर्य कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, के संस्कृत विभाग की अध्यक्षा प्रोफेसर संगीता अग्रवाल के शोध निर्देशन में शोध -कार्य पूर्ण कर चुके दो छात्रों की शोध उपाधि प्राप्त करने के लिए मौखिक परीक्षा सम्पन्न हुई।
उपाधि प्रदान करने की दी संस्तुति (Hapur)
बाह्य परीक्षक के रूप में प्रोफेसर महावीर अग्रवाल (पूर्व कुलपति उ. सं. सं,हरिद्वार) व प्रोफेसर एम. एम. पाठक (कुलपति रा. सं. वि. वि. नई दिल्ली )द्वारा मौखिक परीक्षा के उपरांत पी एच. डी. उपाधि प्रदान करने की संस्तुति की गयी।11वीं और 12वीं शताब्दी में रचित चक्रपाणि विजय महाकाव्य और युधिष्ठिर विजय महाकाव्य के माध्यम से दोनों ग्रन्थकार अपने-अपने नायक चक्रधारी विष्णु व धर्मराज युधिष्ठिर के समग्र जीवन के उदात्त व अनुकरणीय प्रसंगों के माध्यम से किस प्रकार कान्तासम्मित उपदेश देते हुए समाज को दिशा देने का कार्य कर रहे हैं , इन्हीं बिंदुओं को विजय कुमार ने अपने शोध के माध्यम से प्रस्तुत किया है।
प्रश्नों का समुचित उत्तर दिया (Hapur)
शोध छात्र सतलेश कुमार ने महाविद्यालय की प्राचार्या, प्राध्यापकों एवं छात्राओं के समक्ष अपने शोध -प्रबंध ‘प्रमुख पुराणों में अंतर्निहित श्री कृष्ण- कथा का वस्तु- वैविध्य की दृष्टि से अनुशीलन’ विषय पर बाह्य परीक्षक द्वारा पूछे गए प्रश्नों का समुचित उत्तर दिया। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में श्री कृष्ण के स्वरूप, आचरण एवं सिद्धांतों के माध्यम से वैश्विक शांति,सद्भाव एवं जनकल्याण आदि से जीवमात्र का उद्धार किस प्रकार हो सकता है? यही उनके शोध प्रबंध का उद्देश्य है।
छात्रों को उज्जवल भविष्य की कामना की (Hapur)
प्रोफेसर पाठक द्वारा अतिथि व्याख्यान के माध्यम से छात्राओं को संस्कृत विषय की महत्ता व उपादेयता के विषय में भी बताया गया।इसमें निहित ज्ञान- विज्ञान सम्पूर्ण विश्व की अमूल्य धरोहर है। इसके प्रति हमें सजग रहना चाहिए।महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. साधना तोमर जी ने दोनों छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए भविष्य में भी शोधपरक कार्य करते रहने के लिए प्रेरित किया। मौखिक परीक्षा में प्रोफेसर वसुधा श्री, विनीता पारस तथा अन्य प्राध्यापिकाएं, स्नातकोत्तर कक्षाओं की छात्राएं तथा शोधार्थी भी उपस्थित रहे।