Khabarwala 24 News Hapur: दिल्ली एनसीआर का महत्वपूर्ण जनपद होने का हापुड़ को अब लाभ मिलता नजर आ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग नौ पर स्थित जनपद हापुड़ की रेल और सड़क कनेक्टीविटी उद्यमियों को काफी रास आ रही है। अधिकारियों और संबंधित विभागों के साझा प्रयास के बाद जनपद में 1500 करोड़ की लघु औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने की सभी बाधाएं लगभग दूर हो चुकी हैं। पिछले साल हुए इन्वेस्टर्स समिट में विभिन्न विभागों को करीब दो हजार करोड़ का लक्ष्य दिया गया था। जिनमें से करीब 75 प्रतिशत लक्ष्य लगभग प्राप्त कर लिया गया है।
निवेशों के लिए पहली पसंद बना Hapur
दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में जमीन की बढ़ती कीमतों के बावजूद न प्रदूषण और विभिन्न प्रकार की पाबंदियों के बीच निवेशकों के लिए हापुड़ पहली पसंद बना हुआ है। पिछले साल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान निवेशकों की ओर से लगातार रिकार्ड प्रस्ताव आ रहे थे। लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में जाते दिख रहा था। कुछ बाधाओं के कारण उद्योगों को धरातल पर उतारना मुश्किल हो रहा था। जिसके बाद से सवाल उठने शुरू हो गए थे।
Hapur में औद्योगिक प्लेज पार्क बनेगा
प्रस्तावित औद्योगिक इकाइयों में तीन दुग्ध डेयरी, जिसमें एक जरौठी रोड पर और एक एमजी रोड पर स्थापित होगी। इसके अलावा छह फूड एंड प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई जाएंगी। जिसमें पानी का प्लांट, जूस और अन्य खाद्य पदार्थों की यूनिट शामिल हैं। इसके साथ ही स्टील फेक्रिकेशन की चार यूनिट लगाने की तैयारी है। इसके अलावा सबली स्थित औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया है। यह मेरठ मंडल का पहला और प्रदेश का पांचवां औद्योगिक प्लेज पार्क है। इस क्षेत्र में 35 औद्योगिक इकाइयां लगाने की तैयारी है।
Hapur में 20 इकाइयों के लगने का रास्ता हुआ साफ
एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत भी जिले में 20 इकाइयों के लगाने का रास्ता साफ हो गया है। इसका उद्देश्य है कि जिले के छोटे मध्यम और परंपरागत उद्योगों का विकास करते हुए रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। अधिकारियों को माने तो जिले में इन उद्योगों की स्थापना के साथ करीब 20 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे। जल्द ही इसके सार्थक परिणाम आने शुरू हो जाएंगे।
क्या बोले Hapur के अधिकारी
जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त शैलेष कुमार सिंह ने बताया कि समिट के दौरान विभिन्न विभागों को अपने अपने स्तर से बाधाएं दूर करते हुए दो हजार करोड़ के निवेश से औद्योगिक इकाइयों को स्थापित कराने का लक्ष्य दिया गया था। जिनमें से विभागों की ओर से करीब 1500 करोड़ की सूक्ष्म और लघु और मध्यम इकाइयों को स्थापित करने का रास्ता साफ हो गया है। इनकी अधिकतर औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है।