Tuesday, September 10, 2024

Hariyali Teej Hindu Festival 7 अगस्त को मनाएंगे हरियाली तीज, यहां जानें कथा, पूजा मुहूर्त, विधि और सामग्री

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Khabarwala 24 News New Delhi : Hariyali Teej Hindu Festival हरियाली तीज 7 अगस्त को मनाई जाएगी। इसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं और भगवान शंकर व माता पार्वती की पूजा करती हैं। कुछ स्थानों पर कुंवारी कन्याएं भी सुयोग्य वर पाने के लिए भी तीज का व्रत करती हैं। हरियाली तीज पर महिलाएं अपनी सखियों के साथ मिलकर पेड़ पर झूला डालती है और सावन के लोकगीत गाकर इस त्योहार की खुशियां मनाती हैं।

हरियाली तीज 2024 तिथि (Hariyali Teej Hindu Festival)

पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 06 अगस्त को रात 07:52 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 07 अगस्त को रात 10: 05 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान हैष 07 अगस्त को हरियाली तीज मनाई जाएगी।

हरियाली तीज का महत्व (Hariyali Teej Hindu Festival)

सनातन धर्म में हर त्योहार का अपना एक विशेष महत्व हैं। इन्हीं त्योहारों में से एक है हरियाली तीज है, जो देशभर में मनाई जाती हैं। हरियाली तीज को श्रावणी तीज के नाम से जाना जाता हैं। हरियाली तीज सौंदर्य और प्रेम का पर्व हैं। यह उत्सव भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं।

हर ओर छा जाती हरियाली (Hariyali Teej Hindu Festival)

यह पर्व प्रकृति से जुड़ने का पर्व हैं। हरियाली तीज का जब पर्व आता है तो हर तरफ हरियाली छा जाती हैं। पेड़ पौधे उजले-उजले नजर आने लगते हैं। हरियाली तीज का पर्व श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता हैं। हरियाली तीज या श्रावणी तीज, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को कहते हैं।

108 जन्म में शिव को पाया (Hariyali Teej Hindu Festival)

हरियाली तीज का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, यह वह दिन है जब देवी ने शिव की तपस्या में 107 जन्म बिताने के बाद पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इस व्रत को रखने से स्त्री के पति को लंबी उम्र का वरदान मिलता है।

मानसिक विकारों से निजात (Hariyali Teej Hindu Festival)

ये व्रत महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद करता है। यह व्रत श्रद्धालु को मानसिक विकारों से निजात दिलाता है। हिन्दू धर्म के सभी व्रतों में हरियाली तीज के व्रत को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इस व्रत को मुख्य रूप से पति की लंबी आयु के लिए किया जाता है।

पति की दीर्घायु का आशीर्वाद (Hariyali Teej Hindu Festival)

ऐसी मान्यता यह है कि तीज का दिन भगवान शिव और माँ पार्वती की उपासना करने के लिए श्रेष्ठ होता है। इस दिन शिवजी और माँ पार्वती के पूजन से सुहागिन महिलाओं को अपने पति की दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

हरियाली तीज की परम्परा (Hariyali Teej Hindu Festival)

सावन के माह में आने वाले त्यौहारों को नवविवाहित स्त्रियों के लिए अत्यंत विशेष माना गया है। हरियाली तीज पर महिलाओं को मायके बुलाया जाता है। हरियाली तीज से एक दिन पूर्व सिंजारा मनाने की परम्परा है। इस दिन नवविवाहित स्त्रियों को वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार का सामान, मेहंदी और मिठाई आदि भेजी जाती है।

खेत या बाग में झूले झूलती (Hariyali Teej Hindu Festival)

इस तीज के अवसर पर मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है। महिलाएं और युवतियां अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं। साथ ही हरियाली तीज पर पैरों में आलता भी लगाया जाता है। यह महिलाओं की सुहाग की निशानी मानी गई है। महिलाएं और कुंवारी कन्याएं खेत या बाग में झूले झूलती हैं और लोक गीत पर नृत्य करती हैं।

सुहागी देती हैं सुहागिन स्त्रियां (Hariyali Teej Hindu Festival)

हरियाली तीज के दिन सुहागिन स्त्रियां अपनी सास के पैर छूकर उन्हें सुहागी देती हैं। अगर सास नहीं हो तो सुहागा जेठानी या किसी अन्य वृद्धा को दिया जा सकता है। इस अवसर पर महिलाएं श्रृंगार और नए वस्त्र पहनकर श्रद्धा एवं भक्तिभाव से मां पार्वती की पूजा करती हैं।

व्रत व पूजा-अर्चना ओर सफाई (Hariyali Teej Hindu Festival)

इस दिन महिलाएं महादेव और माता पार्वती के लिए व्रत एवं उनका पूजा-अर्चना करती हैं। हरियाली तीज के दिन साफ-सफाई करके घर को तोरण और मंडप से सजाएं। एक चौकी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, श्री गणेश, माँ पार्वती और उनकी सखियों की प्रतिमा का निर्माण करें।

हरियाली तीज की कथा सुनें (Hariyali Teej Hindu Festival)

सभी देवी-देवताओं की मिट्टी की प्रतिमा बनाने के उपरांत सुहाग की समस्त सामग्री को एक थाली में एकत्रित करें और माता पार्वती को अर्पित करें। माँ पार्वती के बाद भगवान शंकर को वस्त्र अर्पण करें। इसके बाद देवताओं का ध्यान करते हुए षोडशोपचार पूजन करें। हरियाली तीज की कथा सुननी या पढ़नी चाहिए।

ऐसे मिला था तप का फल (Hariyali Teej Hindu Festival)

भोलेनाथ कहते हैं कि हे पार्वती। इस शुक्ल पक्ष की तृतीया को तुमने मेरी आराधना करके जो व्रत किया था। उसी के परिणाम स्वरूप हम दोनों का विवाह संभव हो सका। इस व्रत का महत्व यह है कि इस व्रत को पूर्ण निष्ठा से करने वाली प्रत्येक स्त्री को मैं मन वांछित फल देता हूं।

अखंड सौभाग्यवती का वर (Hariyali Teej Hindu Festival)

भोलेनाथ ने पार्वती जी से कहा कि जो भी स्त्री इस व्रत को पूरी श्रद्धा और निष्ठा से करेगी उसे तुम्हारी तरह अचल सुहाग की प्राप्ति होगी। मान्यता है कि इस कथा को जो भी स्त्री पढ़ती या सुनती है वह अखंड सौभाग्यवती होती है।

हरियाली तीज व्रत की कथा (Hariyali Teej Hindu Festival)

शिव और पार्वती का पुनर्मिलन (Hariyali Teej Hindu Festival)

हरियाली तीज उत्सव को भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस कड़ी तपस्या से माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया।

वर पाने के लिए कठोर तप (Hariyali Teej Hindu Festival)

कथा के अनुसार माता गौरी ने पार्वती के रूप में हिमालय के घर पुनर्जन्म लिया था। माता पार्वती बचपन से ही शिव को वर के रूप में पाना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने कठोर तप किया। एक दिन नारद जी पहुंचे और हिमालय से कहा कि पार्वती के तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उनसे विवाह करना चाहते हैं।

विष्णुजी ने भी सहमति दे दी (Hariyali Teej Hindu Festival)

यह सुन हिमालय बहुत प्रसन्न हुए। दूसरी ओर नारद मुनि विष्णुजी के पास पहुंच गये और कहा कि हिमालय ने अपनी पुत्री पार्वती का विवाह आपसे कराने का निश्चय किया है। इस पर विष्णुजी ने भी सहमति दे दी। नारद माता पार्वती के पास पहुंच गए और बताया कि पिता हिमालय ने विवाह विष्णु से तय कर दिया है।

रेत से शिवलिंग का निर्माण (Hariyali Teej Hindu Festival)

यह सुन पार्वती बहुत निराश हुईं और पिता से नजरें बचाकर सखियों के साथ एक एकांत स्थान पर चली गईं। घने और सुनसान जंगल में पहुंचकर माता पार्वती ने एक बार फिर तप शुरू किया। उन्होंने रेत से शिवलिंग का निर्माण किया और उपवास करते हुए पूजन शुरू किया।

तप से प्रसन्न हुए भगवान शिव (Hariyali Teej Hindu Festival)

भगवान शिव इस तप से प्रसन्न हुए और मनोकामना पूरी करने का वचन दिया। इस बीच माता पार्वती के पिता पर्वतराज हिमालय भी वहां पहुंच गये। वह सत्य बात जानकर माता पार्वती की शादी भगवान शिव से कराने के लिए राजी हो गये।

पूरे विधि-विधान के साथ विवाह (Hariyali Teej Hindu Festival)

शिव इस कथा में बताते हैं कि बाद में विधि-विधान के साथ उनका पार्वती के साथ विवाह हुआ। शिव कहते हैं ‘हे पार्वती! तुमने जो कठोर व्रत किया था उसी के फलस्वरूप हमारा विवाह हो सका। इस व्रत को निष्ठा से करने वाली स्त्री को मैं मनवांछित फल देता हूं।

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