Khabarwala 24 News New Delhi : Haryana Cabinet Meeting सरकारी कर्मचारियों को हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में दो बड़े तोहफे मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने और कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने के फैसले होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश सरकार नियमित कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 58 साल से बढ़ाकर 60 साल करने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही राज्य में स्वीकृत पदों के विपरीत लगाए गए कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने की पॉलिसी पर भी मंत्रिमंडल की बैठक में मुहर लगाई जा सकती है।
लंबे समय से अधर में लटकी मांगें (Haryana Cabinet Meeting)
प्रदेश की विभिन्न कर्मचारी यूनियनों की यह दो प्रमुख मांगें लंबे समय से अधर में लटकी हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा को मिले फीडबैक के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों ने पार्टी उम्मीदवारों को अपेक्षित संख्या में वोट नहीं दिए। सरकार के पास यह रिपोर्ट भी आई कि सैकड़ों कर्मचारियों ने भाजपा उम्मीदवारों के विरुद्ध काम किया। कर्मचारियों की इस नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार ने उनकी दो प्रमुख मांगें मानने का मन बनाया है।
प्रदेश में 1.25 लाख कच्चे कर्मचारी (Haryana Cabinet Meeting)
प्रदेश में करीब 1.25 लाख कच्चे कर्मचारी हैं। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 10 अप्रैल 2006 में कर्नाटक सरकार बनाम उमा देवी केस में एक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि उन्हीं कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जा सकता है, जिनकी भर्ती स्वीकृत नियमित पदों के विपरीत हुई हो, कच्ची भर्ती में नियुक्त कर्मचारी स्वीकृत पद की नौकरी के अनुसार योग्यता रखता हो तथा कच्ची भर्ती के लिए कोई असंवैधानिक तरीका न अपनाया गया हो।
फैसले का अनुपालन करना होगा (Haryana Cabinet Meeting)
इस फैसले के बाद साल 2011 में पॉलिसी बनाकर तत्कालीन सरकार ने हरियाणा के करीब सात हजार कच्चे कर्मचारियों को नियमित कर दिया था। फिर साल 2014 में पाॅलिसी बनाकर पांच से छह हजार कच्चे कर्मचारियों को नियमित किया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामला संज्ञान में आने पर कहा राजनीतिक लाभ के लिए कच्चे कर्मचारियों को चोर दरवाजे से नियमित नहीं किया जा सकता। कर्नाटक सरकार बनाम उमा देवी केस में दिए फैसले का अनुपालन करना होगा।
पलट दिया हुड्डा सरकार का फैसला (Haryana Cabinet Meeting)
हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु 58 से 60 साल करने का फैसला पिछली हुड्डा सरकार साल 2014 में जाते-जाते ले चुकी थी। यह फैसला लागू भी हो गया था, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे पलट दिया। प्रदेश में करीब तीन लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जो इस फैसले से लाभान्वित हो सकते हैं, लेकिन इससे सरकारी भर्तियों की रफ्तार थोड़ी ढीली पड़ेगी।