Khabarwala 24 News New Delhi : Haryana Politics हरियाणा में मतदान खत्म होने के बाद एग्जिट पोल की लहर चल रही है। एग्जिट पोल के आंकड़ों में कांग्रेस और बीजेपी को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत होती है। एग्जिट पोल के इतर हरियाणा चुनाव को लेकर 3 ऐसे भी डेटा मौजूद हैं, जिससे किसकी सरकार बनेगी, इसकी तस्वीर लगभग-लगभग साफ हो जा रही है। इन्हीं 3 आंकड़ों को विस्तार से समझिए…
1. निर्दलीय और छोटी पार्टियों का परफॉर्मेंस (Haryana Politics)
पिछले 15 साल के जो आंकड़े हैं, उसके मुताबिक हरियाणा में जब-जब निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, तब-तब राज्य में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया है। 2009 में हरियाणा में विधानसभा के चुनाव हुए। इस चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिली।
कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी और उसे 40 सीटों पर जीत मिल पाई। 2014 के चुनाव में निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायकों की संख्या में गिरावट आई। 2014 के चुनाव में बीजेपी को 90 में से 47 सीटों पर जीत मिली। वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय और छोटी पार्टियों का दबदबा बढ़ा, जिसकी वजह से बीजेपी पूर्ण बहुमत से दूर हो गई।
2. चुनाव परिणाम का रिवाज भी एक फैक्ट्स (Haryana Politics)
पिछले 20 साल का रिकॉर्ड देखा जाए तो 2005 से लेकर अब तक हरियाणा में 4 बार विधानसभा के चुनाव कराए गए हैं। 2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। 2009 में विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस बहुमत के आंकड़ों से दूर हो गई। 2014 में जब चुनाव हुए तो बीजेपी ने सबको चौंकाते हुए पूर्ण बहुमत हासिल कर ली। कांग्रेस को 10 साल बाद सत्ता गंवानी पड़ी।
हालांकि, इसके 5 साल बाद हुए चुनाव में बीजेपी भी बहुमत के आंकड़ों से दूर हो गई। बीजेपी की सत्ता का जो ट्रैक रिकॉर्ड है, वो कांग्रेस की तरह ही है। ऐसे में कहा जा रहा है कि 10 साल बाद बीजेपी की सत्ता पलट भी सकती है।
3. लोकसभा का क्लोज फाइट वाला आंकड़ा (Haryana Politics)
हरियाणा में 5 महीने पहले ही लोकसभा के चुनाव कराए गए थे। यहां पर कुल 10 लोकसभा में से 5 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी। वहीं विधानसभा वार अगर डेटा देखा जाए तो 90 में से 44 सीटों पर बीजेपी को और 42 सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिली थी।
4 सीटों पर कांग्रेस की सहयोगी आम आदमी पार्टी को बढ़त मिली थी। वर्तमान में आप कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ रही है। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं और वहां सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 46 है। इन आंकड़ों को आधार बनाकर देखा जाए तो राज्य में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल रही है।