Khabarwala 24 News New Delhi: Heart Disease And Heat देश के कई राज्यों में मई के महीने में ही तापमान 45 के पार हो चुका है। इस भीषण गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है। सुबह 10 बजे के बाद बाहर निकलना खतरनाक हो जाता है और जिन्हें दिल से जुड़ी बीमारियां रहती हैं, उनके लिए ये मौसम जी का जंजाल बन सकता है। जी हां, भयंकर गर्मी के दिनों में शरीर में जो लक्षण दिखते हैं कई बार लोग उन्हें लू समझ कर अनदेखा कर देते हैं।
ये हार्ट अटैक के संकेत भी होते हैं (Heart Disease And Heat)
जबकि कई बार ये हार्ट अटैक के संकेत भी होते हैं। गर्मी में कई कारण हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाते हैं। गर्मी में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ता है और इसका कारण क्या हो सकता है? दिल से जुड़ी बीमारियों पर डॉ. जे पी अग्रवाल (अग्रवाल मेडी केयर सेंटर, बजरिया, गाजियाबाद) ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्दियों में हार्ट अटैक पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है,लेकिन ठीक वैसे किसी भी मौसम में हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।
गर्मी में बढ़ जाते हैं मामले (Heart Disease And Heat)
गर्मी के मौसम में हार्ट अटैक पड़ने और हार्ट फेलियर की मामले भी काफी बढ़ जाते हैं। इसका कारण वजह डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रेस, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, बहुत ज्यादा और हाई इंटेंसिटी की फिजिकल एक्टिविटी, ज्यादा हार्ड वर्क और ब्लड प्रेशर में बदलाव शामिल हो सकते हैं।
यह भी हो सकते हैं कारण (Heart Disease And Heat)
हीट स्ट्रेस (Heart Disease And Heat)
गर्मी की वजह से भी तनाव बढ़ता है। जब शरीर अंदर के टेंपरेचर को कंट्रोल करने में फेल होने लगता है तो तनव बढ़ने लगता है।
डिहाइड्रेशन (Heart Disease And Heat)
जब आप फिजिकल एक्टिविटी करते हैं या फिर बॉडी टेंपरेचर को बैलेंस करने के लिए ज्यादा पसीना निकलता है तो शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन होने लगता है। डिहाइड्रेशन की वजह से हार्ट बीट भी बढ़ती है, जिससे शरीर और दिल पर अधिक प्रेशर पड़ता है।
फिजिकल एक्टिविटी (Heart Disease And Heat)
गर्मियों में ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी की वजह भी परेशानी हो सकती है। गर्मियों में वर्कआउट के लिए ठंडे मौसम का चुनाव करें। सुबह जल्दी या फिर देर शाम फिजिकल एक्टिविटी करें।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखें (Heart Disease And Heat)
गर्मियों में खासतौर से बीपी को नापते रहें। जरा भी अप-डाउन महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। शरीर के टेंपरेचर को कंट्रोल करने की कोशिश करें और भरपूर पानी पीते रहें। शरीर ठंडा रहेगा तो बीपी अपने आप ही कंट्रोल में रहेगा।
Disclaimer : उपरोक्त जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की राय अवश्य ले लें। Khabarwala 24 News की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।