Khabarwala 24 News New Delhi: heatwave दुनियाभर के कई इलाकों में जलवायु परिवर्तन के चलते तापमान इतना बढ़ गया है कि लोगों का इस गर्मी को सहना मुश्किल हो रहा है।
अधिकांश इलाकों में हीटवेव से लोगों की तबीयत खराब हो रही है। वहीं कई जगहों पर तापमान इतना है कि गर्मी के चलते दिन तो क्या रात में भी लोगों का घरों से बाहर निकलना दूभर हो गया है। ऐसे में क्या आपके मन में कभी खयाल आया है कि इंसान का शरीर आखिर कितना तापमान सह सकता होगा? यदि नहीं तो चलिए जान लेते हैं।
इंसानी शरीर, कितना तापमान सह सकता है ? (heatwave)
वैज्ञानिकों की मानें तो इंसानी शरीर का सामान्य तापमान98.9 डिग्री फॉरेनहाइट होता है। जो आपके आसापास के वातावरण यानी बाहरी तापमान के 37 डिग्री सेल्सियस के बराबर होता है। विज्ञान के अनुसार इंसान गर्म खून वाला स्तनधारी जीव है। जो 42 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सह सकता है। इंसान के शरीर में एक खास तंत्र होमियोस्टैसिस होता है, इंसान को इस तापमान में भी सुरक्षित रखता है।
इतना तापमान सहने में हो जाती है परेशानी (heatwave)
जैसा कि हमने बताया कि 42 डिग्री तापमान में इंसान जीवित रह सकता है वहीं इससे ज्यादा तापमान इंसानी शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक गर्मी से होने वाली मौतों में 247 फीसदी तक वृद्धि हो जाएगी।
विज्ञान क्या कहता है (heatwave )
विज्ञान कहता है कि इंसान का शरीर 35 से 37 डिग्री तापमान बिना किसी परेशानी के सह सकता है वहीं यही तापमान जब 40 डिग्री सेल्सियस हो जाता है तो लोगों को परेशानी होने लगती है। इसे लेकर की गईं रिसर्चों की मानें तो इंसानों के लिए 50 डिग्री सेल्सियस का अधिकतम तापपमान बर्दाश्त करना खासा मुश्किल हो जाता है।
वहीं यदि तापमान इससे ज्यादा पहुंच जाता है तो वो जिंदगी को खासा जोखिम भी पहुंच सकता है। मेडिकल जर्नल लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2000-04 और 2017-2021 के बीच के 8 सालों में भारत में गर्मी का प्रकोप अत्यधिक ज्यादा रहा, साथ ही इस दौरान गर्मी से होने वाली मौतों में 55 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
कैसे और कब गर्मी बन जाती है मौत की वजह? (heatwave)
स्वस्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यदि पारा 45 डिग्री सेल्सियस हो तो बेहोशी, चक्कर या घबराहट जैसी शिकायतों के चलते ब्लड प्रेशर कम होने जैसी परेशानी आम शिकायतें हैंष वहीं, यदि आप 48 से 50 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा तापमान में बहुत देर रहते हैं तो मांसपेशियां पूरी तरह जवाब दे सकती हैं जो मौत भी बन सकती है।