हेरोन ड्रोन मार्क-2 Khabarwala 24 News New Delhi : चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर पैनी नजर रखने के लिए भारतीय वायुसेना ने अपने आधुनिक हेरोन ड्रोन मार्क-2 को तैनात कर दिया है। बड़ी बात यह है कि यह ड्रोन मिसाइल से भी लैस है ।वहीं अगर भारतीय सेना बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक की तर्ज़ पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों का ख़ात्मा करना चाहें तो इसके लिए सेना को वहां भेजकर ऑपरेशन करने की ज़रूरत नहीं होगी। अमेरिका ने जिस तरह ड्रोन स्ट्राइक में अल कायदा के चीफ अल जवाहिरी व अन्य दुश्मनों को ढेर किया था, अब भारतीय वायुसेना के पास भी एक ऐसा गेम चेंजर हथियार आ गया है। इजरायल से लिए गए हेरोन ड्रोन्स कई खूबियों से लैस है।
250 किलोग्राम हथियार लेकर भर सकता है उड़ान
हाल में भी भारतीय वायु सेना ने हेरोन ड्रोन मार्क-2 को शामिल किया गया है। आगामी समय में इसे तीनों सेनाओं के लिए तैयार किया जाएगा ताकि जरुरत पड़ने पर दुश्मन के खिलाफ आक्रामक हमला किया जा सकेष हेरोन ड्रोन मार्क-2 सैटेलाइट से नियंत्रित होने वाला ड्रोन है जो 250 किलोग्राम हथियार लेकर उड़ सकता है.
किन किन खूबियों से लैस है हेरोन ड्रोन
हेरोन ड्रोन में थर्मोग्राफिक कैमरा, एयरबॉर्न सर्विलांस विजिबल लाइट, राडार सिस्टम आदि लगा होता हैष यह अपने बेस से उड़कर खुद ही मिशन पूरा करके बेस पर लौट आता है।
हेरोन ड्रोन एक बार हवा में उठा तो 36 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है और यह जमीन से 35 हजार फीट यानी साढ़े दस किलोमीटर की ऊंचाई पर बेहद आराम से उड़ता रहता है।
हेरोन ड्रोन को नियंत्रित करने के लिए जमीन पर एक ग्राउंड स्टेशन बनाया जाता है, जिसमें मैन्युअल और ऑटोमैटिक कंट्रोल सिस्टम होता है।
यह ड्रोन किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है। इसके कम्यूनिकेशन सिस्टम सीधे तौर पर ग्राउंड स्टेशन से संपर्क में तो रहते ही है।
इसके अलावा इसकी संचार प्रणाली को सैटेलाइट के जरिए भी लिंक किया जा सकता है और इसके नेविगेशन के लिए प्री-प्रोगाम्ड फुली ऑटोमैटिक नेविगेशन को चलाया जा सकता हैष या फिर मैन्युअली आप रिमोट से इसे नेविगेट कर सकते हैं।
हेरोन ड्रोन की सबसे खास बात ये है कि इन ड्रोन्स को किसी तरह से भी जैम नहीं किया जा सकताष यानी इनमें एंटी-जैमिंग तकनीक लगी है। जो पहले के ड्रोन्स की तुलना में ज्यादा दमदार हैष हेरोन ड्रोन में कई तरह के सेंसर्स और कैमरा लगे हैं, जैसे- थर्मोग्राफिक कैमरा यानी इंफ्रारेड कैमरा जो रात में या अंधेरे में देखने में मदद करते हैं। इसके अलावा विजिबल लाइट एयरबॉर्न ग्राउंड सर्विलांस जो दिन की रोशनी में तस्वीरें लेता है। साथ ही इंटेलिजेंस सिस्टम्स समेत कई तरह के राडार सिस्टम लगे है।
हेरोन ड्रोनकी सबसे बड़ी बात ये है कि ये आसमान से ही टारगेट को लॉक करके उसकी सटीक पोजिशन आर्टिलरी यानी टैंक या इंफ्रारेड सीकर मिसाइल को दे सकता है, यानी सीमा के इस पास से ड्रोन से मिले सटीक टारगेट पर हमला किया जा सकता है।
सीमा पर रखेगा बाज जैसी निगाह
आपको बता दें कि चीन की सेना लद्दाख सीमा के इस पार या उस पार भारत के खिलाफ कोई ‘नापाक’ हरकत करेगी तो तुरंत पता चल जाएगा। चीन के साथ पिछले साल चल रहे सीमा विवाद के वक्त भारतीय सेना को इजरायल ने ये ड्रोन्स दिए हैं। जिनके कैमरे, सेंसर्स और राडार किसी बाज की नजरों की तरह तेज हैं। इन्हें लद्दाख सेक्टर तैनात किया गया था।