Khabarwala 24 News New Delhi: Hindus In Pakistan पाकिस्तान में आम चुनाव होने वाले हैं। चुनावों की तारीख 8 फरवरी तय की गई है। पाकिस्तान में पिछले साल अगस्त में केयरटेकिंग गवर्नमेंट बनाई गई थी। अगले आम चुनावों तक जिसके ऊपर देश चलाने का जिम्मा है। पाकिस्तान में इस बार निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक पार्टियों को यह आदेश भी दिया है कि वह कम से कम पांच प्रतिशत महिला उम्मीदवार को भी चुनाव मैदान में उतारें। इस आदेश के बाद ही पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने हिंदू कम्युनिटी से डॉक्टर सवीरा प्रकाश को टिकट दिया है। जिसके बाद से ही पाकिस्तान में हिंदुओं के चुनाव लड़ने के अधिकारों पर चर्चा तेज हो गई। चलिए जानते हैं पाकिस्तान में हिंदू कैसे लड़ सकते हैं चुनाव, और क्या हैं उनके वोटिंग के अधिकार।
हिंदुओं के लिए क्या हैं नियम (Hindus In Pakistan)
हिंदू पाकिस्तान में सबसे बड़ी अल्प संख्यक आबादी में आते हैं। पाकिस्तान के संविधान में अल्पसंख्यकों के लिए चुनाव लड़ने के लिए अलग से नियम तय किए गए हैं। पाकिस्तान के कानून में अल्पसंख्यकों के लिए अलग से प्रावधान रखा गया है। संविधान के अनुच्छेद 51 (2ए) द्वारा पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में नॉन मुस्लिम लोगों के लिए 10 सीट हैं रिजर्व है। तो वहीं अनुच्छेद 106 के अनुसार 4 प्रांतीय विधानसभा में नॉन मुस्लिम लोगों के लिए 23 सीट रिजर्व है। पाकिस्तान की सीनेट में भी गैर मुस्लिम लोगों के लिए 4 सीट रिजर्व है। लेकिन यह तो हुई आरक्षण के तहत अल्पसंख्यकों को राजनीति में जगह देने की बात। मगर पाकिस्तान में कोई हिंदू बिना आरक्षित सीट से लड़ना चाह तो उसके लिए भी कोई मनाही नहीं है।
समान वोटिंग अधिकार मिलते हैं (Hindus In Pakistan)
पाकिस्तान में हिंदू आबादी की बात की जाए तो करीब 40 लाख है जो की पूरी आबादी का 1.85 प्रतिशत है यह आंकड़े 2017 के हैं। पाकिस्तान में वोटिंग की बात की जाए तो हिंदुओं को भी वोट करने की पूरी आजादी है। कोई भी अल्पसंख्यक हिंदू अपने चुनावी क्षेत्र से किसी भी प्रत्याशी को वोट कर सकता है। इसके लिए किसी भी प्रकार के मापदंड तय नहीं किए गए हैं। वर्ष 1973 में पाकिस्तान में नया संविधान बना था जिसके तहत पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को भी समान अधिकार देने की बात कही गई थी।