Saturday, November 23, 2024

Hoarding Disorder Symptoms पुरानी-बेकार चीजों को रखने में रखते हैं दिलचस्पी, Hoarding disorder से पीड़ित हो सकते हैं आप

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Khabarwala 24 News New Delhi : Hoarding Disorder Symptoms चाहे पुराने कपड़े, बर्तन हों या घर को कोई टूटा हुआ फर्नीचर। ये लोग इन चीजों को भले ही घर के कोने में कहीं रख दें लेकिन इन्हें निकाल पाने की हिम्मत नहीं कर पाते। कई लोगों के लिए चीजों को फेंकना या निकालना बड़ा मुश्किल काम होता है। इसके साथ ही इन्हें बेजरूरत चीजों को रखने में भी दिलचस्पी होती है। जैसे-अगर कोई चीज अच्छी लग रही है, भले ही वो काम की न हो तब भी ये लोग उसे लेना या अपने पास रखना पसंद करते हैं। ऐसी आदत रखने वाले लोग Hoarding disorder से पीड़ित हो सकते हैं। आइये जानते हैं क्या है Hoarding disorder…

क्या है Hoarding disorder? (Hoarding Disorder Symptoms)

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, होर्डिंग डिसऑर्डर यानी संग्रहण विकार उस स्थिति को कहते हैं, जब कोई व्यक्ति ऐसी वस्तुओं को त्यागने में परेशानी महसूस करता है, जो उपयोगी नहीं हैं। इसके चलते व्यक्ति घर पर रखी किसी भी पुरानी चीज़ को फेंकना नहीं चाहता है। इसका असर धीरे-धीरे व्यक्ति की मेंटल हेल्थ पर भी दिखाई देने लगता है। होर्डिंग डिसऑर्डर असामान्य नहीं है।

उम्र का भी एक अहम रोल प्ले (Hoarding Disorder Symptoms)

लगभग 2 से 6 प्रतिशत लोग इससे पीड़ित हैं। 20 में से 1 शख्स को होर्डिंग डिसऑर्डर हो सकता है। इसमें उम्र भी एक अहम रोल प्ले करता है। 55 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में युवाओं की तुलना में इसके विकसित होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है। हालांकि 20 साल की उम्र से इसकी शुरुआत होने लगती है लेकिन ये गंभीर 30 साल या उसके बाद होता है।

होर्डिंग डिसऑर्डर के लक्षण (Hoarding Disorder Symptoms)

जरूरत और बेजरूरत वस्तुओं को छोड़ने में असमर्थ होना। घर या ऑफिस में ज्यादा सामान होना। जरूरी सामान ढूंढने में परेशानी होना। चीजों को ये सोचकर न निकालना कि किसी दिन जरूरत पड़ सकती है। बहुत सारी वस्तुओं को अपने पास रखना क्योंकि वे किसी व्यक्ति या जीवन की घटना की याद दिलाती हैं।

खुद को असहाय महसूस करना (Hoarding Disorder Symptoms)

मुफ़्त की चीजों या अन्य बेजरूरत चीजों को जमा करना। सामान ज्यादा होने पर खुद को असहाय महसूस करना। अव्यवस्था के लिए जगह की कमी को जिम्मेदार ठहराना। जगह की कमी होने के चलते काम करने में असर्थतता महसूस करना। अत्यधिक अव्यवस्था के कारण प्रियजनों से अनबन होना।

होर्डिंग डिसऑर्डर का इलाज (Hoarding Disorder Symptoms)

Cognitive behavioral therapy (CBT) : CBT इसके के इलाज का सबसे सफल तरीका हो सकता है। इसे पेशेवर चिकित्सक द्वारा किया जाना चाहिए। ये थेरेपी इस बात पर ध्यान देती है कि किसी को वस्तुओं को त्यागने में कठिनाई क्यों हो सकती है और वे एक स्थान में अधिक वस्तुओं को लाने की इच्छा क्यों रखते हैं।

इलाज में मदद कर सकते हैं (Hoarding Disorder Symptoms)

Peer-led groups : आपके दोस्तों का ग्रुप भी इसके इलाज में मदद कर सकते हैं। मित्रतापूर्ण स्वभाव के चलते ये लोग आसानी से समझा सकते हैं। इसके लिए ये लोग हर हफ्ते मुलाकात कर सकते हैं और लगातार हाल ले सकते हैं।

विशेष कोई दवा मौजूद नहीं (Hoarding Disorder Symptoms)

Medications : होर्डिंग डिसऑर्डर के इलाज के लिए विशेष रूप से कोई दवा मौजूद नहीं है। हालांकि कुछ लक्षणों को देखकर डॉक्टर दवा दे सकता है। कुछ रिसर्च इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि एडीएचडी के लिए दवाएं एचडी के लिए भी सहायक हो सकती हैं।

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