Khabarwala 24 News New Delhi: Houthi अमेरिका और ब्रिटेन ने लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हूती विद्रोहियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। आपको बता दें कि दोनों देशों की सेनाओं ने यमन में कई जगहों पर हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमला किया है। इन हवाई हमलों में हूती विद्रोहियों को बड़ा नुकसान हुआ है और उनके कई ठिकाने तबाह हो गए हैं। इस हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ सकता है।
व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे थे हूती विद्रोही (Houthi)
व्हाइट हाउस ने बयान जारी ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर हमले की पुष्टि की है। उल्लेखनीय है कि इस्राइल हमास युद्ध के बाद से हूती विद्रोहियों द्वारा फलस्तीनियों के समर्थन में लाल सागर इलाके में व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया जा रहा था। इससे अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट की सुरक्षा प्रभावित हो रही थी। अमेरिका की नौसेना ने कई बार हूती विद्रोहियों के हमलों के नाकाम भी किया था। अमेरिका ने चेतावनी भी दी थी कि अगर हमले नहीं रुके तो इसके बड़े दुष्परिणाम होंगे। अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट की सुरक्षा के लिए निगरानी भी बढ़ा दी थी। भारत ने भी अपने पांच युद्धक जहाजों को अरब सागर और लाल सागर में तैनात किया है, ताकि हूती विद्रोहियों और समुद्री लुटेरों के हमलों को नाकाम किया जा सके।
व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर दी जानकारी (Houthi)
व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर बताया कि ‘व्यापारिक जहाजों पर लाल सागर में हमलों के बाद बीते महीने अमेरिका ने व्यापारिक जहाजों को हूती विद्रोहियों के हमलों से बचाने के लिए 20 से ज्यादा देशों के साथ मिलकर ‘ऑपरेशन प्रोसपैरिटी गार्जियन’ शुरू किया था। बीते हफ्ते 13 सहयोगी देशों के साथ हमने हूती विद्रोहियों को चेतावनी जारी की थी और कहा था कि अगर उन्होंने व्यापारिक जहाजों पर हमले बंद नहीं किए तो उसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। आज हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले साफ संदेश है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश दुनिया के सबसे अहम शिपिंग कर्मशियल रूट पर नेविगेशन की आजादी से समझौता नहीं करेंगे।’
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अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर बाधित हुई वैश्विक सप्लाई चेन (Houthi)
हूती विद्रोहियों को ईरान समर्थित माना जाता है। इस्राइल हमास युद्ध के बाद से हूती विद्रोही लाल सागर और अरब सागर के इलाके में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट से गुजरने वाले जहाजों पर ड्रोन और मिसाइल हमले कर रहे थे। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट बाधित हो रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हूती विद्रोहियों के हमले के चलते बीते कुछ महीनों में लाल सागर से करीब 200 अरब डॉलर का व्यापार डायवर्ट हुआ है। इससे दुनिया में महंगाई बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। हालांकि अमेरिका के हवाई हमले के बाद पहले ही इस्राइल हमास युद्ध के चलते तनाव से जूझ रहे पश्चिम एशिया में अब और तनाव बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है।
