Tuesday, December 24, 2024

How to prevent air pollution दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में ‘जहरीली’ हवा से बचने के लिए ये 3 तरीके अपनाएं, एक्सपर्ट ने बताए

Join whatsapp channel Join Now
Folow Google News Join Now

Khabarwala 24 News New Delhi : How to prevent air pollution दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो साल दर साल बढ़ती जा रही है। यह समस्या खासतौर पर सर्दियों में और त्योहारों के मौसम में अधिक विकट हो जाती है।

सुबह AQI 500 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव किया गया है। वहीं लोगों को इससे बचे रहने की सलाह दी जा रही है। इस बढ़ते प्रदूषण से वृद्ध, पुरानी बीमारी वाले, कमजोर लंग्स वाले, बच्चे अधिक प्रभावित होंगे। आइए इस प्रदूषण से बचने के लिए एक्सपर्ट का क्या कहना है, यह जान लीजिए…

पानी पिएं और मास्क लगाएं (How to prevent air pollution)

मेडिकल एक्सपर्ट्स की सलाह है कि जब तक प्रदूषण का स्तर नीचे नहीं आता, तब तक खुले में कम से कम निकलें और पानी पीते रहें। हेपा फिल्टर लगा एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करें। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता जिस स्तर पर पहुंच चुकी है, उसमें N95 मास्क पहनना बेहद जरूरी हो गया है क्योंकि N95 और N99 मास्क पीएम 2.5 और पीएम 10 के खिलाफ काफी असरदार हैं।

लगातार एक ही मास्क इस्तेमाल न करते रहें क्योंकि मास्क की फिल्टर करने की ताकत भी लगातार कम होती जाती है। ये ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और हवा में उड़ रहे कार्बनिक पदाथों के कणों को फिल्टर नहीं करने में मुश्किल पैदा कर सकता है।

सबसे ज्यादा जोखिम इन्हें (How to prevent air pollution)

नवजात और बच्चे
वरिष्ठ नागरिक
कमजोर इम्यूनिटी वाले
डायबिटीज के मरीज
धूम्रपान करने वाले
गर्भवती महिलाएं
पुरानी बीमारी वाले लोग
कमजोर लंग्स वाले लोग

वयस्कों को विशेष जोखिम (How to prevent air pollution)

पांच साल से कम उम्र के बच्चों और उससे ज़्यादा उम्र के वयस्कों को विशेष रूप से जोखिम है। छोटे बच्चों के फेफड़े और प्रतिरक्षा प्रणाली अविकसित होते हैं, जिससे वे प्रदूषकों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। वृद्ध वयस्कों के लिए, फेफड़ों की कार्यक्षमता में उम्र से संबंधित गिरावट और पहले से मौजूद बीमारियां वायु प्रदूषण के प्रभाव को बढ़ाती हैं। गर्भवती महिलाओं और पुरानी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को भी अधिक जोखिम है। वायु प्रदूषण अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी स्थितियों को भी बढ़ाता है, जो निमोनिया के लिए जोखिम कारक हैं।

प्रदूषित हवा के नुकसान (How to prevent air pollution)

स्किन में जलन और एलर्जी
आंखों में जलन
आंखों से पानी आना
ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के दौरे
थकावटऔर सिरदर्द
नींद न आना
हार्ट और फेफड़ों की बीमारियों का बढ़ना
लो इम्यूनिटी

प्रदूषण से बचाव कैसे (How to prevent air pollution)

इसके अलावा प्रदूषित हवा के लंबे समय तक संपर्क में रहने से हृदय और इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है जिससे शरीर के लिए निमोनिया संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है। रिसर्च के मुताबिक, हवा क्वालिटी में सुधार से निमोनिया और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों का बोझ काफी हद तक कम हो सकता है।

पानी पीने और मास्क लगाने के अलावा आप अपने आपको फिजिकल एक्टिव भी रखें। लंग्स को मजबूत बनाने वाली एक्सरसाइज और योगासन करें। हेल्दी डाइट लें ताकि इम्यूनिटी स्ट्रांग रहे। आंखों को हवा से बचाने के लिए चश्मा पहन सकते हैं। अगर तकलीफ अधिक है तो डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं।

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

यह भी पढ़ें...

latest news

Join whatsapp channel Join Now
Folow Google News Join Now

Live Cricket Score

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Live Cricket Score

Latest Articles