Khabarwala 24 News Hapur: HPDA हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण की टीम ने अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में संचालित नौ ढाबों को सील कर दिया गया है। जबकि पिलखुवा क्षेत्र में चार अवैध भू-उपविभाजन/प्लाटिंग को बुलडोजर की मदद से ध्वस्त करा दिया है। प्राधिकरण की उपाध्यक्ष डा.नितिन गौड़ के अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देशों पर प्राधिकरण की टीम के यह कार्रवाई की है। प्राधिकरण की इस कार्रवाई से अवैध निर्माण करने वालों में अफरा तफरी मची हुई है।
यह होटल किए सील (HPDA )
प्राधिकरण की टीम ने एनएच 9 ग्राम सरूरपुर गढ़मुक्तेश्वर पर स्थित 600 वर्ग मीटर पर बना बरकत ढाबा, ग्राम बांगर में 4000 वर्ग मीटर पर बना शिव गंगा ढाबा, 1000 वर्ग मीटर पर बना चोटी वाला ढाबा, 2000 वर्ग मीटर पर बना न्यू शिवा टूरिस्ट ढाबा, अल्लाबक्शपुर में 4000 वर्ग मीटर पर बना यात्री प्लाजा (कान्हा श्याम), 3000 वर्ग मीटर पर बना क्लासिक ढाबा, 4000 वर्ग मीटर पर बना गंगा यात्री प्लाजा, ग्राम अठसैनी में स्थित 600 वर्ग मीटर पर बना मोईनउद्दीन चिकन प्वाइंट, ग्राम सरुरपुर में स्थित 3800 वर्ग मीटर में बना बिसिमल्लाह ढाबा को प्राधिकरण की टीम ने सील कर दिया है। इसमें अधिकांश ढाबों का मानचित्र स्वीकृत नहीं था जबकि एक ढाबे का स्वीकृत मानचित्र से विपरित था।
इन अवैध निर्माणों को किया ध्वस्त (HPDA )
प्राधिकरण की टीम ने ग्राम लाखन में पुष्पेंद्र चौधरी, शैलेंद्र चौधरी, अमित चौधरी की4000 वर्ग मीटर अवैध प्लाटिंग, ग्राम पारसौन में शीशपाल व गोपाल की 2500 वर्ग मीटर अवैध प्लाटिंग, ग्राम परसौन गालंद रोड पिलखुवा में मोहम्मद हनीफ, सतीश चंद जैन की 6000 वर्ग अवैध प्लाटिंग, ग्राम परसौन में मुकेश व सुदीप पाठक की 7000 वर्ग मीटर अवैध प्लाटिंग को प्राधिकरण के बुलडोजर ने ध्वस्त कर दिया। इन सभी का मानचित्र स्वीकृत नहीं था।
अभियान में यह रहे शामिल (HPDA )
अभियान में हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के प्रभारी प्रवर्तन टी.के.जैन, नीरज शर्मा, अवर अभियंता देशपाल सिंह, राकेश सिंह तोमर, महेश चंद उप्रेती एवं प्राधिकरण का सचल दस्ता सम्मलित था।
अवैध निर्माणकर्ताओं को दी चेतावनी (HPDA )
हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि अवैध निर्माणकर्ताओं को पुन: चेतावनी दी जाती है कि वह अवैध निर्माण को तत्काल रोककर प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराकर ही विकास / निर्माण करें, अन्यथा प्राधिकरण द्वारा सीलिंग व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने के साथ साथ एेसे अवैध निर्माणकर्ताओं / विकासकर्ताओं के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।