Khabarwala 24 News New Delhi: hunder strkes अगर कोई विरोध प्रदर्शन दिखाना हो तो लोग अक्सर भूख हड़ताल करने पर अधिक जोर देते हैं। किसी मुद्दे पर विरोध जताने के लिए यह रास्ता अधिक असरदार जान पड़ता है। अपनी मांगों को मनवाने या उस पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए भूख हड़ताल एक काफी पुराना तरीका है और प्रचलित तरीका है। अहिंसक प्रतिरोध का ये तरीका कई कई बार अपनाया भी जा चुका है।
भूख हड़ताल के बारे में विस्तार से जानें (hunder strkes)
क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे लंबी 16 साल की भूख हड़ताल किसने की? आइए दुनिया की कुछ सबसे लंबी भूख हड़तालों के संबंध में विस्तार से जानें…
किसने की थी सबसे लंबी भूख हड़ताल ? (hunder strkes)
मणिपुर की इरोम चानू शर्मिला ने दुनिया की सबसे लंबी भूख हड़ताल की है। सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 को खत्म करने की मांग को लेकर 5 नवंबर साल 2000 को उन्होंने भूख हड़ताल शुरू किया था और उन्होंने अपना 16 साल लंबा उपवास साल 2016 में नौ अगस्त को खत्म किया. ऐसे में इरोम चानू शर्मिला मणिपुर की आयरन लेडी के तौर पर भी जानी जाती हैं।
शहीद भगत सिंह ने की थी 116 दिन की भूख हड़ताल (hunder strkes)
शहीद भगत सिंह व उनके साथी क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त ने आजादी के आंदोलन के दौरान राजनीतिक कैदी के तरह व्यवहार करने के साथ ही अख़बार और अच्छे भोजन की मांग को लेकर हड़ताल किया था। उन्होंने 14 जून,1929 को भूख हड़ताल शुरू करते हुए 116 दिन यह हड़ताल जारी रखा था।
63 दिन की जतिन दास की भूख हड़ताल (hunder strkes)
लाहौर जेल में जरूरी सुविधाओं की मांग करते हुए भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी जतिन दास ने भूख हड़ातल की थी जोकि 63 दिन चली थी। हड़ताल खत्म कराने के लिए ब्रिटिश सरकार ने उन्हें जबरन दूध पिलाने की कोशिश की जिससे दूध के फेफड़े में जाने से इनफेक्शन हो गया। अंत में क्रांतिकारी जतिन दास 13 जुलाई 1929 को भूख हड़ताल करते हुए शहीद हो गए।
21 दिन की महात्मा गांधी की भूख हड़ताल (hunder strkes)
महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम में कई भूख हड़ताल किए पर साल 1943 में भारत छोड़ो आंदोलन में 21 दिन लंबी भूख हड़ताल की जोकि उनके जीवन की सबसे लंबी भूख हड़ताल थी।
21 दिन की सोनम वांगचुंग की भूख हड़ताल (hunder strkes)
हाल ही में सबसे लंबी भूख हड़ताल भी चर्चा में है जोकि लद्दाख के मशहूर प्रसिद्ध शिक्षाविद् व पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक ने 6मार्च 2024 को लेह में 21 दिनों की भूख हड़ताल की। जलवायु उपवासज्ज् (Climate Fast) नाम से इसे जाना गया। वांगचुक ने 26 मार्च को भूख हड़ताल (Sonam Wangchuk Hunger Strike Called Off) खत्म की।