खबरwala 24 न्यूज हापुड़ : कड़ाके की ठंड का असर सेहत पर पड़ने लगा है। सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में मधुमेह और रक्तचाप लेवल बढ़ने पर उपचार कराने के लिए रोगियों की संख्या बढ़ रही है। फिजीशियन के पास सबसे ज्यादा मरीज इन्हीं समस्याओं को लेकर पहुंचे।
जिला अस्पताल के सीएमएस और वरिष्ठ फिजीशियन डाक्टर प्रदीप मित्तल ने बताया कि सर्दियों में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं। इससे शरीर काे गर्म रखने के लिए ह्दय को अतिरिक्त कार्य करना पड़ता है। लिहाजा, ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। ऐसी स्थिति होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
बुजुर्गों को बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है। लेटलतीफी होने पर अधिक रक्तचाप की स्थिति में अचानक हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। इस मौसम में डायबिटीज बढ़ने की वजह से जीवनशैली में परिवर्तन होता है। ठंड में सुबह उठने से लेकर सोने तक, खाने से लेकर बाहर टहलने तक की क्रियाएं प्रभावित होती हैं। ठंड में पाचन क्रिया नियंत्रित होने से डायबिटीज के मरीज भी परहेज नहीं करते। इससे बीमारी बढ़ती है। उन्हें अपनी दवाएं नियमित लेनी चाहिए। गुनगुना पानी नियमित पीना चाहिए। नमक डालकर गरारे करने चाहिए। योग करें और शाम को वाक करें। मार्निंग वाक पर जाना फिलहाल बंद करें। दिक्कत होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
बच्चों में निमोनिया का प्रकोप बढ़ा
कोहरा और शीतलहर अब बच्चों को बीमार बना रही है। अस्पतालों में निमोनिया की चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है। बाल रोग विशेषज्ञों की मानें तो मौसम बेहद सर्द होने पर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में हल्की सी लापरवाही उन्हें बीमार बना देती है। विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श के बिना दवा खिलाने से तबीयत और बिगड़ने की आशंका बनी रहती है।