Khabarwala 24 News Hyderabad : IND vs ENG हैदराबाद में बीती शाम जो हुआ, सबने देखा। जीते हुए मैच को गंवा देने वाली टीम इंडिया। आखिर उसका ये हाल हुआ कैसे? आखिर जो टीम 4 दिन तक चले टेस्ट मैच में पहले 3 दिन पूरी तरह हावी रही, उसके हाथ से एकाएक मैच फिसल कैसे गया? कौन हैं वो खिलाड़ी? किनकी नाकामियों ने हैदराबाद में टीम इंडिया का किया बेड़ा गर्क? इसपर हम आएंगे, लेकिन, उससे पहले रोहित शर्मा के मैच के बाद दिए बयान पर गौर कर लेना जरूरी है। टीम इंडिया से कहां चूक हुई? वैसे तो इस सवाल का सही जवाब मैच खत्म होने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के पास भी नहीं था। अब बात ये है कि मैच के तुरंत बाद रोहित के लिए सच में टीम की कमजोर कड़ी को भांपना मुश्किल था या वो उस ओर अपना ध्यान ले जाना ही नहीं चाहते. अगर वो अब भी नाकाम हो रहे खिलाड़ियों के खिलाफ एक्शन के मूड में नहीं हैं तो फिर टीम इंडिया को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
बार-बार की नाकामी अब बर्दाश्त नहीं (IND vs ENG)
हार के बाद जब ये सवाल भारतीय कप्तान के सामने आया तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब मुश्किल है। हम देखने के बाद आकलन करेंगे कि चूक कहां हुई? लेकिन, आगे ऐसी घटना ना घटे, उसके लिए सावधानी तो बरतनी है और इसके लिए जरूरी है एक्शन खासकर उन खिलाड़ियों के खिलाफ जिनकी नाकामियों को बार-बार बर्दाश्त करना अब मुमकिन नहीं रहा। टेस्ट क्रिकेट में एक, दो नहीं, टीम इंडिया के जो खिलाड़ी बार-बार नाकाम होते दिख रहे हैं। उनका हैदराबाद में भी वही हाल रहा।
दूसरे टेस्ट से पहले हो जाए तो बेहतर (IND vs ENG)
नाकाम होने में दिखाई उनकी उसी कंसिस्टेंसी का नतीजा रही टीम इंडिया की हैदराबाद में हार। ऐसे खिलाड़ियों में दो नाम प्रमुख रहे-पहला शुभमन गिल और दूसरा श्रेयस अय्यर का। अब वक्त आ गया है कि भारत की टेस्ट टीम में इन खिलाड़ियों की जगह को लेकर कोई कठोर फैसला किया जाए और ऐसा अगर विशाखापत्तनम में होने वाले इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले हो जाए तो और भी बेहतर।
गिल और अय्यर, अर्धशतक कहां हैं (IND vs ENG)
शुभमन गिल हों या श्रेयस अय्यर, हम इन खिलाड़ियों को लेकर ऐसा क्यों कह रहे उसे आप टेस्ट क्रिकेट में इनके आंकड़ों को देखकर भी समझ सकते हैं। हैदराबाद टेस्ट की पहली पारी में गिल ने केवल 23 रन बनाए वहीं अय्यर के बल्ले से 35 रन निकले. लेकिन जब बारी रन चेज की आई। मतलब इन दोनों के बल्ले से ज्यादा से ज्यादा रन निकलने चाहिए थे।
पिछली 11 टेस्ट पारियों से निराशा (IND vs ENG)
तब गिल का खाता भी नहीं खुला और अय्यर की गाड़ी 13 रन पर ही अटक गई। पिछली 11 टेस्ट पारियों में ना तो गिल ने और ना ही अय्यर ने कोई अर्धशतक जड़ा है। ऊपर से अब तो गिल का बल्लेबाजी में टेस्ट करियर औसत भी 30 से नीचे आ गिरा है। उधर अय्यर 22 टेस्ट पारी खेलने के बाद सिर्फ 6 मौकों पर ही फिफ्टी प्लस का आंकड़ा पार कर सके हैं।
जगह तो मिली पर परफॉर्मेन्स कहां? (IND vs ENG)
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में इन दोनों से काफी उम्मीदें थीं। इस उम्मीद को परवान चढ़ाने का मौका भी था क्योंकि पुजारा जैसे बल्लेबाज को दरकिनार कर अय्यर पर भरोसा किया गया था और बैटिंग ऑर्डर में गिल ने विराट कोहली की जगह ली थी, लेकिन, सिर्फ बड़े खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट बन जाने से कुछ नहीं होता। उनकी तरह परफॉर्म भी करना होता है और इसमें गिल और अय्यर दोनों नाकाम रहे हैं।
कुछ करो टीम इंडिया, जो हो एकबार (IND vs ENG)
अच्छी बात ये है कि जो हुआ वो पहले टेस्ट में ही दिखा है। भारत अभी 0-1 से ही पिछड़ा है। अभी 4 टेस्ट बचे हैं मतलब सीरीज जीत का मौका है। ऐसा नहीं है टीम के पास विकल्प नहीं है। रजत पाटीदार जैसे खिलाड़ी बेंच पर बैठे हैं, जो घरेलू क्रिकेट में अच्छा कर टीम इंडिया तक पहुंचे हैं। साफ है कि टीम इंडिया को अगर सीरीज हार की भारी कीमत चुकाने से बचना है तो गिल और अय्यर का कुछ करना पड़ेगा।