Khabarwala24News New delhi : India Gate भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों ने गंगा में मेडल बहाने का ऐलान किया है। पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा, ”इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा मां हैं। जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था.”
क्या बोले पहलवान :
पहलवानों ने अपने बयान में कहा कि 28 मई को जो हुआ वह सबने देखा, पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया? हमें कितनी बर्बरता से गिरफ्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही मुकदमा दर्ज कर दिया। क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है? पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। जबकि आरोपी खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियां कस रहा है
अब इंडिया गेट पर करेंगे आमरण अनशन :
पहलवानों ने कहा, मेडल उनकी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी। हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी।
पहलवानों ने कहा, अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं, अब लोगों को सोचना होगा कि वह अपनी इन बेटियों के साथ खड़े हैं या इन बेटियों का उत्पीड़न करने वाले उस तेज सफेदी वाले तंत्र के साथ. आज शाम 6 बजे हम हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे। इस महान देश के हम सदा आभारी रहेंगे.
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) May 30, 2023
पहलवानों का 23 अप्रैल से जारी है धरना :
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत अनेक पहलवान जंतर मंतर पर 23 अप्रैल से धरना दे रहे हैं। इससे पहले 18 जनवरी को पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था। भाजपा सांसद बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। सुप्रीम कोर्ट के दखल पर दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ दो मामले भी दर्ज किए हैं।
जमकर बवाल हुआ था बवाल :
पहलवानों ने रविवार को जंतर मंतर से नए संसद भवन तक मार्च का ऐलान किया था और महिला महापंचायत भी बुलाई थी। लेकिन इसी दिन नई संसद का उद्घाटन होना था। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने महिलाओं को मार्च की इजाजत नहीं दी थी। साथ ही जंतर मंतर पर ही भारी सुरक्षाबल तैनात कर बैरिकेडिंग लगाई गई थी। रविवार को पहलवानों ने नए संसद भवन से तीन किलोमीटर दूर जंतर-मंतर से मार्च शुरू किया, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान पहलवानों ने सुरक्षा घेरे को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। इसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच धक्का मुक्की और हाथापाई हुई।
दर्ज हुआ था पहलवानों के मुकदमा :
इस बवाल के बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर को खाली करा दिया। पुलिस का कहना है कि अब पहलवानों को दोबारा वहां लौटने नहीं दिया जाएगा. पुलिस ने बताया कि दिल्ली से करीब 700 लोगों को हिरासत में लिया गया था। वहीं, तीनों पहलवानों समेत 109 को जंतर मंतर से हिरासत में लिया गया था. हालांकि, शाम को ही विनेश फोगट, साक्षी मलिक समेत सभी प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया गया।