Khabarwala 24 News New Delhi : India Last Railway Station भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित सिंघाबाद को देश का आखिरी रेलवे स्टेशन माना जाता है। भौगोलिक स्थिति और रेलवे नेटवर्क में इसकी भूमिका बहुत खास है। यह यात्री ट्रेनों के लिए शुरुआती या अंतिम स्टेशन नहीं है, बल्कि यह देश के छोर पर एक शांत प्रहरी की तरह खड़ा है।
ये रेलवे ब्रिटिश काल के दौरान बनकर तैयार हुआ था और सिंघाबाद का ऐतिहासिक महत्व है। यह कोलकाता और ढाका के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी थी, ताजा रिपोर्ट के अनुसार, यह स्टेशन अब पूरी तरह से शांत है। यहां कोई भी यात्री ट्रेन नहीं रुकती। इसका इस्तेमाल केवल मालगाड़ियों के लिए होता है।
मशहूर हस्तियाँ इसी स्टेशन से यात्रा करती थीं (India Last Railway Station)
महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस जैसी मशहूर हस्तियाँ भारत की आज़ादी से पहले ढाका जाते समय इसी स्टेशन से यात्रा करती थीं। सन् 1971 में भारत की आज़ादी और बांग्लादेश के निर्माण के बाद सिंघाबाद का कामकाज बदल गया। 1978 में एक समझौते के तहत सिंघाबाद से मालगाड़ियों के परिचालन की अनुमति दी गई।
2011 में नेपाल से आने-जाने वाली ट्रांजिट ट्रेन (India Last Railway Station)
2011 में किए गए संशोधन ने इसकी भूमिका का विस्तार करते हुए इसमें नेपाल से आने-जाने वाली ट्रांजिट ट्रेनों को भी शामिल कर दिया, जिससे सिंघाबाद माल के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रांजिट प्वाइंट बन गया और क्षेत्रीय व्यापार में इसके रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया गया।
परिवहन का हिस्सा, भारी मात्रा में माल ढुलाई (India Last Railway Station)
आज, भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जिसकी लंबाई 68,000 किलोमीटर से ज़्यादा है। यह देश के परिवहन ढांचे का एक अहम हिस्सा बना हुआ है, जो लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करता है और रोज़ाना भारी मात्रा में माल ढुलाई करता है।