Khabarwala 24 News New Delhi : Interoperability For E-Bus किसी भी एक्सेसिबल स्टेशन पर बैटरी बदलने में आसानी लाने के लिए सरकार जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों के लिए स्वैपेबल बैटरी स्टैंडर्ड (नियम) तय कर सकती है। अभी ई-बसों में और अधिक कोऑर्डिनेटेड टेक्नोलॉजी की आवश्यकता है और इसीलिए ई-बसों की इंटरऑपरेबिलिटी पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। नए नियमों में साइज, वजन और कैपेसिटी का भी ध्यान रखा जाएगा। इन नियमों के जरिए ई-बसों के लिए बनी बैटरियों की इंटरऑपरेबिलिटी लाने की कोशिश की जाएगी।
अभी कस्टम फिट बैटरियां (Interoperability For E-Bus)
फिलहाल ई-बस बनाने वाली कंपनियां प्रोप्राइटरी बैटरियों का उपयोग करती हैं जो व्हीकल में फिट होने के लिए तैयार की जाती हैं। इनमें लगभग शून्य इंटरऑपरेबिलिटी और वजन और क्षमता अलग-अलग होती है। सरकारी टेंडर में केवल बैटरियों की चार्जिंग को स्टैंडर्डाइज्ड किया गया है।
हाईवे पर हों स्वैपिंग स्टेशन (Interoperability For E-Bus)
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी के मुताबिक अब नए नियमों में स्वैपेबल बैटरी नियम तय किए जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि किसी शहर में सभी ई-बसों के लिए कॉमन बैटरी स्वैपिंग स्टेशन होना इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकताओं को कम करने और आउटपुट में सुधार करने का एक तरीका है।
रेंज की चिंता दूर होगी (Interoperability For E-Bus)
उन्होंने कहा कि हाईवे पर स्वैपिंग स्टेशन भी होने चाहिए जो सभी ई-बसों को सर्विस दे सकें। उन्होंने कहा कि इन नियमों को जल्द ही मजबूत किए जाने की संभावना है। इन प्रस्तावित नियमों से ई-बस ऑपरेटरों में रेंज की चिंता दूर होगी, जो यात्रा के बीच में बैटरी डिस्चार्ज का सामना नहीं करना चाहते हैं।
इंटरऑपरेबिलिटी का फायदा (Interoperability For E-Bus)
अधिकारी ने कहा है कि इंटरऑपरेबिलिटी उन बैटरियों के लिए रास्ता क्लियर करेगी जिन्हें हाईवे पर करीबी स्वैपिंग स्टेशनों या शहरी क्षेत्रों में बस डिपो पर तुरंत बदला जा सकता है। इससे सेक्टर में ग्रोथ होगी।