खबरwala 24 न्यूज हापुड़ : जनपद हापुड़ में तहसील क्षेत्र के गोयना गांव में निमोनिया से पीड़ित एक मासूम की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया है। सीएमओ डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने मामले की जांच के लिए दो अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के नेतृत्व में एक टीम गठित कर दी है। टीम मामले की जांच कर रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपगी। बच्चे की टीका लगने के बाद मौत हो गई थी और बच्चे को जबरन टीका लगाने का आरोप परिजनों नें लगाया था।
हापुड़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि गोयना गांव निवासी दीपांशु ने अपने सात माह के बच्चे को निमोनिया होने की बात कही थी। बच्चा धीरे-धीरे ठीक होने की ओर बढ़ रहा था। परिजनों का आरोप है कि मंगलवार को उसकी पत्नी मनीषा अकेली थी। इसी बीच स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारी उसके घर आए और बच्चे को टीका लगवाने को कहा। मनीषा ने बताया था कि वह स्टाफ से कहती रहीं कि उनके बच्चे को बुखार है, ऐसे में टीका मत लगाइए। मगर बच्चे की तबीयत सही होने की बात कहकर टीका जबरन लगा दिया गया।
परिजनों का आरोप था कि उनके बच्चे को जबरन तीन टीके लगवाए गए। आरोप है कि दो टीके जांघ में और एक कंधे के बजाय गर्दन में लगाया। इसके बाद ही उसका बच्चा दर्द से कराहने लगा। रात में जब बच्चे की हालत बिगड़ी तो परिजन उसे गढ़ रोड स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां मासूम की मौत हो गई थी।
- मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि इस मामले में परिजनों ने जो आरोप लगाए हैं। उसकी जांच कराने की जिम्मेदारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केपी सिंह व डॉ. वेद प्रकाश को दी गई है।उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया यही कहना पड़ेगा कि जिस समय बच्चे को टीका लगाया गया था। उसी दिन छह और बच्चों को टीका लगाया गया। पांच बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं। फिर भी जब तक जांच टीमों की रिपोर्ट नहीं आती तब तक इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।