Israel Hamas War Khabarwala 24 News New Delhi:अमेरिका भी इजरायल-हमास जंग के बीच एक्शन मोड में आ गया है। युद्ध में लगातार इजरायल की मदद कर रहे अमेरिका ने सीरिया में उन ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है, जहां ईरान समर्थित ग्रुपों ने पनाह ली हुई है। जंग के बीच अमेरिका का यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है। क्योंकि, ईरान पर लगातार यह आरोप लगता रहा है कि वह इजरायल के खिलाफ जंग छेड़ने वाले हमास को फंडिंग करने के साथ-साथ दूसरी तरह से भी उसकी मदद भी करता रहता है।
बताया गया कि एयरस्ट्राइक को सीरिया के अल्बु कमाल और मयादीन शहर में अंजाम दिया गया। दरअसल, सीरिया के दीर अल जोर प्रांत में अल्बु कमाल के पश्चिमी इलाके में ईरानी समर्थक मिलिशिया एक आतंकी शिविर का संचालन की सूचना मिल रही थी। यहीं पर हमले को अंजाम दिया गया। इसके अलावा दूसरा हमला मयादीन शहर के करीब एक पुल के नजदीक किया गया। ऑस्टिन ने यह भी कहा कि इस अटैक का आदेश सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दिया था। उन्होंने यह भी कहा,’जो बाइडेन के लिए अमेरिकी सैन्य बलों की सुरक्षा के बढ़कर और कुछ नहीं है।
एजेंसी के अनुसार सीरिया और इराक में ईरान समर्थिक मिलिशिया पर अमेरिका का यह तीसरा बड़ा हमला है ।आपको बता दें कि अमेरिका इन इलाकों में आतंकियों के ड्रोन और रॉकेट हमलों को कम करने की कोशिशों में लगा हुआ है। क्योंकि यहां आतंकी संगठन छोटे-छोटे हमले कर अमेरिका सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाते रहते हैं। ईरान समर्थित इन मिलिशिया गुटों का मानना है कि हमास के खिलाफ इजरायल की ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक के लिए अमेरिका जिम्मेदार है।
हमलों में घायल हुए अमेरिकी सैनिक (Israel Hamas War)
पिछले कुछ हफ्तों में ईरान समर्थित मिलिशिया ने इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर करीब 40 बार हमले को अंजाम दिया है।
इन हमलों में करीब 45 अमेरिकी सैनिक बुरी तरह से घायल हुए हैं। दरअसल, सीरिया में अमेरिका के करीब 100 और इराक में करीब 2500 से ज्यादा सैनिक तैनात हैं। इन्हें तब तैनात किया गया, जब इस्लामिक स्टेट यहां बड़े हिस्से को कब्जा करने के बाद हार गया था। अमेरिका सैन्य अधिकारियों का कहना है कि वह इस इलाके में दोबारा इस्लामिक स्टेट को बढ़ने से रोकना चाहते हैं।
इजरायल-हमास युद्ध 7 अक्टूबर को हुआ था शुरू (Israel Hamas War)
इजरायल और हमास के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद अब यह आशंका बढ़ती जा रही है कि यह युद्ध मिडिल ईस्ट के दूसरे देशों में भी फैल सकता है। अगर ऐसा होता है तो इस बात की संभावना काफी हद तक बढ़ जाएगी कि मिडिल ईस्ट में तैनात मिलिशिया अमेरिकी सेनाओं को निशाना बना सकती हैं। 7 अक्टूबर को इजरायल और हमास के बीच जंग शुरू हुई थी। इसके बाद अमेरिका लगातार मिडिल-ईस्ट में अपने जंगी बेड़े और लड़ाकू विमान भेज रहा है।