Wednesday, April 16, 2025

पुरी के Jagannath Temple में विचित्र घटना, पताका ले उड़े गरुण देव, देखिए वीडियो

Join whatsapp channel Join Now
Folow Google News Join Now

Khabarwala 24 News New Delhi : Jagannath Temple  पुरी के जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी एक विचित्र और रहस्यमयी घटना इन दिनों सुर्खियों में है। मंदिर के ध्वज के साथ एक चील की असामान्य गतिविधि ने लोगों को हैरान कर दिया है। चील मंदिर के शिखर पर लहराते ध्वज को अपने पंजों में पकड़ कर उसके चारों ओर मंडरा रही है। यह दृश्य न सिर्फ भक्तों के लिए चौंकाने वाला है, बल्कि कई लोग इसे एक अशुभ संकेत मान रहे हैं। इस घटना को लेकर कुछ लोग यह भी दावा कर रहे हैं कि यह किसी अनहोनी की ओर इशारा कर सकता है, जैसा कि पहले भी कुछ अनजानी घटनाओं में हुआ था।

बदलाव की ओर इशारा (Jagannath Temple )

अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह घटना वास्तव में किसी बड़े बदलाव की ओर इशारा करती है, या यह सिर्फ एक संयोग है? इस घटना के बारे में जानने के लिए लोग अब और भी उत्सुक हो गए हैं, क्योंकि इससे पहले भी मंदिर से जुड़ी कुछ अन्य घटनाओं ने समय-समय पर बड़ा उलटफेर या परिवर्तन लाया था। इस दृश्य को देखकर लोग हैरान हैं और इसके पीछे कोई संकेत या अपशकुन मान रहे हैं।

क्या है लोगों की आशंका? 

इस घटना के बाद कई ज्योतिषाचार्य और श्रद्धालु इसे अशुभ संकेत मान रहे हैं। उनका कहना है कि इससे पहले भी जब ऐसी ही घटनाएं हुई थीं, तब बड़े बदलाव या आपदाएं आई थीं। उदाहरण के तौर पर, साल 2020 में मंदिर के ध्वज में बिजली गिरने से आग लग गई थी और कुछ ही समय बाद कोरोना महामारी का दौर शुरू हुआ था। वहीं 2022 में मंदिर के कुछ हिस्सों में दरारें आने की खबरें आई थीं और फिर राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ।

मंदिर प्रशासन की पुष्टि नहीं

फिलहाल मंदिर समिति या प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं कुछ का कहना है कि यह ध्वज शायद जगन्नाथ मंदिर का नहीं, बल्कि आसपास किसी और छोटे मंदिर का हो सकता है। हालांकि, इस रहस्यमयी घटना ने लोगों की उत्सुकता जरूर बढ़ा दी है। एक धार्मिक मान्यता के अनुसार, पुराना ध्वज नकारात्मक ऊर्जा को खींच लेता है, इसलिए उसे हटाकर नया लगाया जाता है। इससे मंदिर की ऊर्जा पवित्र बनी रहती है।

उल्टी दिशा में लहराता ध्वज

भगवान जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) का ध्वज एक ऐसा रहस्य है जो विज्ञान को भी हैरान करता है। यह हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है, जो किसी प्राकृतिक नियम को नहीं मानता। यह बात आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बनी हुई है। यहां हर दिन मंदिर के शिखर पर चढ़कर एक पुजारी नया ध्वज फहराता है। मान्यता है कि जिस दिन ध्वज नहीं बदला गया, उस दिन से मंदिर 18 वर्षों तक बंद हो जाएगा। यह परंपरा भगवान के प्रति समर्पण और सुरक्षा का प्रतीक है।

सुदर्शन चक्र भी बना रहस्य 

मंदिर के ऊपर लगभग 1000 किलो वजनी सुदर्शन चक्र स्थित है। यह चक्र इतनी ऊंचाई पर कैसे पहुंचा, यह भी आज तक रहस्य बना हुआ है, क्योंकि उस समय कोई भारी तकनीक नहीं थी। ज्योतिषाचार्य का मानना है कि यह घटना ओडिशा में संभावित समुद्री तूफान या किसी प्राकृतिक आपदा का संकेत हो सकती है। उनका कहना है कि वर्तमान ग्रह-नक्षत्र भी किसी बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें...

latest news

Join whatsapp channel Join Now
Folow Google News Join Now

Live Cricket Score

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Live Cricket Score

Latest Articles