Khabarwala 24 News New Delhi : Jammu and Kashmir Politics भाजपा नीत एनडीए को जम्मू-कश्मीर में दो नए ‘दोस्त’ मिलने जा रहे हैं। एक का नाम पीपुल्स कान्फ्रेंस (People Conference) और दूसरे का नाम जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी है। सबकुछ लगभग तय हो चुका है और परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर इसी माह इनकी दोस्ती का सार्वजनिक एलान हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने तीन सीटों पर इन दोनों दलों के प्रत्याशियों के समर्थन में ही अपने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारे हैं।
भाजपा ने नाम लेकर नहीं किया एलान (Jammu and Kashmir Politics)
हालांकि, भाजपा ने अभी तक सार्वजनिक तौर पर इन दलों का नाम लेकर समर्थन का एलान नहीं किया है, लेकिन उसका कैडर नेशनल कान्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के खिलाफ पीपुल्स कान्फ्रेंस व जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों का समर्थन और प्रचार कर रहा है। पीपुल्स कान्फ्रेंस सिर्फ उत्तरी कश्मीर में बारामूला की संसदीय सीट पर चुनाव लड़ रही है, जहां उसके चेयरमैन सज्जाद गनी लोस उम्मीदवार हैं।
बारामूला सीट पर चुनाव लड़ रहे उमर (Jammu and Kashmir Politics)
नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी इसी सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। श्रीनगर और अनंतनाग-राजौरी सीट पर पीपुल्स कान्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है। जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी और पीपुल्स कान्फ्रेंस दोनों ही पहले दिन से नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस की मुखर विरोधी हैं।
भाजपा के कोटे से मंत्री बने थे सज्जाद (Jammu and Kashmir Politics)
वर्ष 2014 के बाद जम्मू-कश्मीर में सत्तासीन रही पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में सज्जाद गनी लोन भाजपा के कोटे से ही मंत्री बने थे। पीपुल्स कान्फ्रेंस और अपनी पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दोनों दल एनडीए के साथ हाथ मिलाने की सार्वजनिक औपचारिकता पूरी करने के लिए तैयार हो चुके हैं। भाजपा नेता तरुण चुग की इस विषय में सज्जाद गनी लोन और अपनी पार्टी के चेयरमैन सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी से बातचीत हो चुकी है।
भाजपा को मिल सकता है चुनाव में लाभ (Jammu and Kashmir Politics)
वह दो दिन पहले भी श्रीनगर में थे। सूत्रों ने कहा कि भाजपा को उम्मीद है कि अपनी पार्टी और पीपुल्स कान्फ्रेंस कश्मीर में नेकां और पीडीपी को कड़ी टक्क्कर देने में समर्थ हैं। अगर वह जीत जाती हैं तो राजग में उनके शामिल होने से भाजपा को ही केंद्र में फायदा होगा। इससे जम्मू-कश्मीर में निकट भविष्य में संभावित विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को कश्मीर में लाभ मिल सकता है।