Khabarwala 24 News New Delhi: Kar Sevaksराम नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की जाएगी। जिसके लिए बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है। 495 साल पुराने राम मंदिर के बाद एक शब्द खूब चर्चाओं में आया वो है ‘कार सेवक’। जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने 2 लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए तो उन लोगों को ‘कार सेवक’ नाम दिया गया था। आपको बता दें कि पहली बार इस शब्द का इस्तेमाल साल 23 जून 1990को संत सम्मेलन में किया गया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें कार सेवक ही क्यों कहा जाता है और कार सेवक का मतलब क्या होता है?
कार सेवक किन्हें कहा जाता है ? (Kar Sevaks)
दरअसल जो लोग किसी धार्मिक कार्य या किसी संस्था के लिए परोपकार से जुड़े काम निस्वार्थ भावना से या पैसे लिए बिना करते हैं उन्हें कार सेवक कहा जाता है, क्योंकि निस्वार्थ या पैसे लिए बिना ज्यादातर काम धर्म के लिए ही किए जाते हैं इसलिए कार सेवक शब्द का उपयोग अक्सर धार्मिक कार्यों के लिए किया जाता रहा है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि कार का अर्थ होता है कर यानी हाथ और सेवक का मतलब है सेवा करने वाला। अंग्रेजी में इसी शब्द को वोलिंटियर कहा जाता है।
कब से किया जा रहा कारसेवक शब्द का प्रयोग (Kar Sevaks)
भारतीय इतिहास में 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराया गया था। उसके बाद से ही कार सेवक शब्द चर्चाओं में आ गया था। अयोध्या के विवादित ढांचे की जब भी बात होती है उस समय कार सेवक शब्द ज्यादातर प्रयोग में आता है। हालांकि इस शब्द को सिर्फ विवादित ढांचे से नहीं जोड़ा जा सकता। इसके इतर कार सेवक शब्द सिख धर्म के ग्रंथों में भी कई जगहों पर आया है। बताया जाता है कि उधमसिंह ने जलियावाला बाग की घटना के दौरान कार सेवा की थी। वहीं स्वर्ण मंदिर का निर्माण भी कार सेवा से ही किया गया था। जिसके बाद इस शब्द का प्रयोग किया जाने लगा था।