Karva Chauth Khabarwala 24 News Hapur : एक नवबंर (बुधवार) को सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए करवाचौथ का निर्जल व्रत रखकर भगवान गणेश, शिव-पार्वती और चंद्रमा की पूजा करेंगी। इस बार करवाचौथ पर्व पर सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शिव योग भी बन रहा है, जो अत्यंत शुभ होगा।
पंडित संतोष तिवारी ने बताया कि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवाचौथ पर्व मनाया जाता है, जो इस बार एक नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता है कि करवाचौथ का व्रत रखने से पति के जीवन में किसी प्रकार का कष्ट नहीं आता।
इस बार करवाचौथ पर सांयकालीन प्रदोषकाल पूजन समय में सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शिव योग होने से अत्यंत शुभ होगा। सुहागिन महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत रख और शाम के समय सौलह श्रृंगार कर भगवान गणेश, शंकर-पार्वती व चंद्रमा की पूजा करती हैं और करवाचौथ की कहानी पढ़ती व सुनती है। चंद्रमा उदय होने के बाद चंद्रमा को अध्र्य देकर व्रत खोलेंगी।
करवाचौथ पर इस बार शिव योग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है, जो सौभाग्य का सूचक है। करवा चौथ पूजा के लिए शाम 07.34 बजे से 08.17 बजे तक अमृतकाल, स्थिर लग्न, शुभ चौघडिय़ा और सर्वार्थ सिद्धि योग में गणपति जी की पूजा का शुभारंभ करना शुभ रहेगा। रात्रि 8.15 बजे चंद्रमा उदय के बाद व्रज खोला जा सकेगा।
पूजन विधि- (Karva Chauth)
ज्योतिषाचार्य पंडित संतोष तिवारी ने बताया कि शाम के समय महिलाएं ईशान कोण में देसी गाय के गोबर से लीप कर चावल के ऊपर मंगल कलश रखें और उसमें अक्षत पुष्प, चंदन, सुपारी, दुर्वा, औषधियां डालकर चावल भरकर सराई रखेें। उसके ऊपर पूर्वाभिमुखीकरण दीपक जलाएं और गणेश जी के धातु की प्रतिमा को कटोरे में रखकर षोडशोपचार पूजन करें। पंचामृत से स्नान कराकर शुद्ध जल से स्नान कराएं और पीले वस्त्र धारण करवाकर चंदन अक्षत, पुष्प, माला, धूप, दीप, लड्डू और फल आदि से भोग लगाएं। उसके बाद गणेश चतुर्थी की कथा सुनकर पूजन करें। चंद्रमा के चंद्रोदय समय पर अर्घ देकर अपने पति का आशीर्वाद लें और साथ में सास, नंद सहित अपने बड़ों का भी आशीर्वाद लेकर व्रत खोलना चाहिए।