Khabarwala 24 News New Delhi: Karwa Chauth 2024 सनातन धर्म के लोगों के लिए करवा चौथ के व्रत का विशेष महत्व है। ये व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। हालांकि ये व्रत काफी कठिन होता है, क्योंकि इस व्रत के दौरान अन्न के साथ-साथ पानी पीने की भी मनाही होती है यानी ये निर्जला उपवास है।
शाम में चंद्र देव को पानी से अर्घ्य देने के बाद ही ये व्रत खोला जाता है। करवा चौथ व्रत के कई अहम नियम भी होते हैं, जिनका पालन न करने पर महिलाओं को उनकी पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। चलिए जानते हैं करवा चौथ व्रत की सही तिथि और उपवास से जुड़े अहम नियमों के बारे में, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है।
कब है करवा चौथ व्रत ? (Karwa Chauth 2024 )
पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 20 अक्टूबर को प्रात: काल 06.46 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन 21 अक्टूबर को सुबह 04.16 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम में 05 बजकर 46 मिनट से लेकर रात 07 बजकर 09 मिनट तक है। वहीं इस दिन चांद रात 07.54 बजे के आसपास निकल सकता है।
करवा चौथ व्रत की पूजा का महत्व (Karwa Chauth 2024)
करवा चौथ का व्रत गणेश जी और माता करवा को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश और देवी करवा के अलावा चंद्र देव की उपासना करना भी जरूरी होता है। चंद्र देव को आयु, सुख, समृद्धि और शांति का कारक ग्रह माना जाता है। करवा चौथ के दिन चंद्र देव की उपासना करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। साथ ही पति की आयु बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है। बता दें कि देश के कई राज्यों में करवा चौथ के व्रत को करक चतुर्थी व्रत के नाम से भी जाना जाता है।
करवा चौथ व्रत के अहम नियम (Karwa Chauth 2024)
करवा चौथ व्रत का आरंभ सूर्योदय से पहले हो जाता है, जिसका पारण चांद निकलने के बाद होता है। चन्द्र देव के दर्शन के बाद ही ये व्रत खोलना चाहिए।
व्रत के दिन शाम में चंद्रोदय से पहले भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, नंदी महाराज और कार्तिकेय जी यानी शिव परिवार की पूजा जरूर करें।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, शाम में शिव परिवार की पूजा करते समय स्त्री का मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। इस दिशा में मुख करके पूजा करना शुभ होता है।